विजयदेव नारायण साही वाक्य
उच्चारण: [ vijeydev naaraayen saahi ]
उदाहरण वाक्य
- जायसी के प्रसिध्द समीक्षक विजयदेव नारायण साही ‘ पद्मावती नागमती सती खण्ड ' की समीक्षा करते हुए लिखते हैं कि ‘ सहमरण तक सौतिया डाह बना रहा।
- इस सप्तक में विजयदेव नारायण साही, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, मदन वात्स्यायन, केदारनाथ सिंह और कीर्ति चैधरी के अलावा कुंवर नारायण भी शामिल हैं जिन्हें इस वर्ष ज्ञानपीठ मिला है।
- वे भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद पुरस्कार, कृति सम्मान, रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार, विजयदेव नारायण साही पुरस्कार तथा रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान से सम्मानित हैं।
- ' आलोचना ' के संपादकों में शिवदान सिंह चौहान, नंद दुलारे वाजपेयी, परिमल ग्रुप के धर्मवीर भारती, विजयदेव नारायण साही, रद्घुवंश और ब्रजेश्वर वर्मा रहे हैं।
- आचार्य शुक्ल से लेकर विजयदेव नारायण साही तक अनेक विद्वानों ने जायसी और ' पद्मावत' पर विचार किया और लगभग सभी ने नागमती के विरह वर्णन की विशेष चर्चा की है।
- मुझे उज्जैन का एक कवि सम्मेलन याद है जिसमें बहुत भीड़ थी और कवियों में शुमार थे भवानी प्रसाद मिश्र, शिवमंगल सिंह सुमन, विजयदेव नारायण साही, चन्द्रकान्त देवताले।
- विजयदेव नारायण साही ने `शमशेर की काव्यानुभूति की बनावट ' जैसा लेख शमशेर की कविता पर लिखा(मैं उसके निष्कर्षों से सहमत नहीं हो पाता लेकिन वह पेशकश व्याकुल कर देती है।
- खै़र जिसे जो जैसे देखना है देखे, मैं अपने लिए ईश्वर से हमेशा ये मांगती रही जो आज फिर से मांगती हूं मेरे प्रिय कवि विजयदेव नारायण साही की लाइनें हैं......
- जब विजयदेव नारायण साही ने कही " ज़रूरत नयी कविता के प्रतिमान की नहीं है, कविता के नये प्रतिमान की है"-तो शायद उन्हें नयी कविता की कठिनाइयों औरसीमाओं का अह-~ सास रहा हो.
- अज्ञेय, रघुवीर सहाय, विजयदेव नारायण साही, लक्ष्मीकान्त वर्मा हों या मुक्तिबोध, शमशेर, नेमिचंद जैन, मलयज या सोमदत्त सबने कविता के विमर्श में अपने को शामिल किया।