विद्या सिन्हा वाक्य
उच्चारण: [ videyaa sinhaa ]
उदाहरण वाक्य
- मैं आपको जानकारी देना चाहता हूं कि निजी तौर पर यदि कभी कोई मुझसे पूछेगा कि आपकी पंसदीदा हिरोइन कौन है तो मैं उससे यह जरूर कहना चाहूंगा कि मैं रजनीगंधा की विद्या सिन्हा और अंखियों की झरोखों की रंजीता पर मरता हूं।
- व्योमेश की सबद पर प्रकाशित पिछली दोनों कवितायेँ पढ़कर कुछ चिंता हुई कुछ निराशा हुई-विद्या सिन्हा वाली कविता लगभग इस तरह घटित होती है कि एक खबर को कविता में किसी तरह एकोमोडेट, एप्रोप्रियेट करने की कल्पना की हिंसा (सबवर्ज़न) हो जाती है.
- व्योमेश की सबद पर प्रकाशित पिछली दोनों कवितायेँ पढ़कर कुछ चिंता हुई कुछ निराशा हुई-विद्या सिन्हा वाली कविता लगभग इस तरह घटित होती है कि एक खबर को कविता में किसी तरह एकोमोडेट, एप्रोप्रियेट करने की कल्पना की हिंसा (सबवर्ज़न) हो जाती है.
- फिल्म समाज को कोई अच्छा सन्देश नहीं देती परन्तु बॉक्स ऑफिस के दृष्टिकोण से सफल कोमेडी फिल्म है| सस्ते बज़ट छोटी लोकेशन में बनी सफल फिल्म| फिल्म का एक रोचक पहलू यह भी है कि इस फिल्म को संजीव कुमार तथा विद्या सिन्हा ने एक महीने के समय में पूरा कर दिया था
- अभिनय के दृष्टिकोण से संजीव कुमार ने अपनी भूमिका का निर्वाह अपने अंदाज़ में बहुत अच्छे ढंग से किया है| विद्या सिन्हा एक सीधी घरेलू समर्पित पत्नी के रोल में अपनी अभिनय कुशलता का प्रमाण देती हैं| रंजीता का काम भी अच्छा है| अथिति कलाकारों के रूप में ऋषि कपूर, परवीन बोबी हैं| शेष सभी कलाकारों के लिए कुछ विशेष करने को नहीं है|
- युवा कवि व्योमेश शुक्ल ने अपनी लम्बी कविता ' मैं रहा तो था ' में से ' होना था ' और ' दोनों एक ही बातें हैं ', फ़िर दो कवितायें अपने संग्रह से पढ़ीं, जहाँ सुशील त्रिपाठी को समर्पित ' लिखा गया माना जाय ' और विद्या सिन्हा पर केन्द्रित ' लेकिन तुम हो कि मुकद्दमा लिखा देती हो ' थीं.
- पराग में समसामायिक विष यों पर चर्चा-जैसे रामायण और महाभारत टीवी सीरियल के पात्रों का साक्षात्कार, पुरानी बातें जैसे कई फ़िल्मी हस्तियाँ-टुनटुन, राजेन्द्रनाथ, दारा सिंह, अशोक कुमार का साक्षात्कार, अविस्मरणीय स्तम्भ -जैसे, दूसरी पत्रिकाओं से, चौपाल, पिछले दरवाज़े से, कहानी बिना शीर्षक ; जवाब हाज़िर है, विद्या सिन्हा का पन्ना, झरोखा हुआ करते थे।
- शहर बरेली: जिला उत्तर प्रदेश.......एक मंझे हुए न्यूज़ रीडर की भांति आपने अपनी पोस्ट को शुरू से ही रोमांचक बना दिया, प्रभा टाकीज, यह प्रभा नाम से मुझे विद्या सिन्हा की “छोटी सी बात ” याद आ गयी जिस में तिरछे नयनों वाली विद्या सिन्हा का नाम 'प्रभा' था शायद ;) बहरहाल क्या सजीव चित्रण किया है आपने 1982 के समय के फर्स्ट डे फर्स्ट शो का! पांच का बीस पांच का बीस....
- शहर बरेली: जिला उत्तर प्रदेश.......एक मंझे हुए न्यूज़ रीडर की भांति आपने अपनी पोस्ट को शुरू से ही रोमांचक बना दिया, प्रभा टाकीज, यह प्रभा नाम से मुझे विद्या सिन्हा की “छोटी सी बात ” याद आ गयी जिस में तिरछे नयनों वाली विद्या सिन्हा का नाम 'प्रभा' था शायद ;) बहरहाल क्या सजीव चित्रण किया है आपने 1982 के समय के फर्स्ट डे फर्स्ट शो का! पांच का बीस पांच का बीस....