विनोद दास वाक्य
उच्चारण: [ vinod daas ]
उदाहरण वाक्य
- इन सारे प्रसंगों में विनोद दास की साहित्यलोचना जीवन की आलोचना है, की धारणा प्रकट होती है-अप्रत्यक्ष लेकिन कार्यात्मक रूप में।
- विनोद दास पर उसकी जज्बा यह है कि गरीबों को ठंढ से बचाने के लिए आज बाबा साहेब की जयंती के अवसर पर कंबल बांटे।
- बार्ड संख्या 22 में राशन किरासन नहीं मिलने से परेशान बड़ी संख्या में लोगों ने सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्त्ता विनोद दास से इसकी गुहार लगाई ।
- विनोद दास पर उसकी जज्बा यह है कि गरीबों को ठंढ से बचाने के लिए आज बाबा साहेब की जयंती के अवसर पर कंबल बांटे।
- ये विनोद दास के लोक से साहित्य और सहित अन्य कलाओं को जोड़कर देखने के आग्रह का ही परिणाम है कि रोहिंगटन मिस्त्री के उपन्यास ‘
- कला आलोचक का तथा इस पुस्तक के ‘ कला और समय ¶ ाीर्षक का मूल ध्येय होना चाहिए, जिसका निर्वहन विनोद दास ने किया है।
- जातीय चेतना एवं लोकतत्व की उपस्थिति के कारण विनोद दास नागार्जुन एवं अरुण कमल पर रीझे हैं तो साही की प्रशंसा दार्शनिक दृष्टिकोण के लिए की है।
- (पृ. 134) इसके बाद विनोद दास उस सत्य का उद्घाटन करते हैं जिसने गाँधी को ‘ महात्मा से चेथरिया पीर ' बनाकर रख दिया।
- जातीय चेतना, लोकभाषा, आम आदमी की चिन्ता विनोद दास के यहां प्रमुख जरूर है लेकिन सकारात्मक पक्ष यह है कि उनमें मानदण्ड की रूढ़िबद्धता नहीं है।
- इसके बरअक्स विनोद दास अतीत के इन विभूतियों से प्रेरणा ग्रहण करते हुए पत्रकारिता के सामाजिक सरोकार, उसकी गंभीरता तथा पत्रकारिकता में रचनात्मकता की चर्चा करते हैं।