विषैले सर्प वाक्य
उच्चारण: [ visail serp ]
उदाहरण वाक्य
- सांप से मेरा अभिप्राय आतंकवाद रूपी विषैले सर्प से है, और कथन का अभिप्राय भी यह है कि अभी ओसामा को मार करकाम का एक भाग पूरा हुआ है, आतंकवाद रूपी सर्प का फन कुचला जाना शेष है.
- इसके साथ ही केन्द्र सरकार को भारत की एकता को बनाये रखने हेतु भले ही क्षेत्रवाद के सकारात्मक पहलू को मान्यता दे दी जाय किन्तु इसके नकारात्मक पहलू को भी दृष्टिगोचर रखना चाहिए क्योंकि इसका नकरात्मक रुप एक विषैले सर्प की भांति भारतीय अखण्डता के लिए विष का काम करता जा रहा है।
- बरसों से ऐसा माना समझा जाता था रेतिल्स्नेक्स, बोअस, और पाई-थन्स (विषैले सर्प, साउथ अमरीका में पाया जाने वाला एकख़ास किस्म का बड़े आकार का सर्प, अजगर आदि) अपनी आँख और नथुने के मध्य भाग में एक तथा कथित “ पिट ओर्गेंन ” से युक्त होतें हैं.
- ये सभी इस विषैले सर्प के शिकार बनते हैं और देह व्यापार के इस काले दलदल में धस जाते हैं और लाख कोशिशों के बावजूद अपने अस्तित्व को बचाने में नाकाम रहते हैं!!!! सवाल यहाँ ये भी है क्या हम सभी या हमारी सरकारें इस सर्प को कुचलने के लिए कुछ करती हैं …??
- महावीर स्वामी आँखों ही आँखों से बोले ‘ हे चण्ड कौशिक! क्या यह दण्ड कम है कि तुम तापस कौशिक के शिखर से चण्ड कौशिक तक की खार्इ में जा गिरे? महान साधक से विषैले सर्प बन रेंगते रहे! मेरे न्याय में तो अब तुम्हारे लिए सिवाय क्षमा, दया के और कुछ नहीं है...
- क्या वाकई हमारी इच्छाएं इतनी प्रबल हो गयी हैं के उन्हें शांत करने के लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं??कभी मुंबई के बार्स पर छापे में १५ लडकियां पकड़ी जाती हैं तो कभी दिल्ली और नॉएडा जैसे बड़े शहरों से लड़कियों के जत्थे देह व्यापार की काली कमाई पर खुद को बर्बाद करते हुए मिलते हैं..!!!! आखिर ये देह व्यापार हमारे समाज में एक विषैले सर्प की भांति अपनी गन्दी काली कमाई की फुंकार से पूरे समाज को गन्दा करता जा रहा है और हम कुछ नही कर प् रहे हैं ….
- भारत की चिकित्सा परिषद्, भारत की चिकित्सा परिषद् का चिह्न चिकित्सा जगत के वर्तमान सत्य को प्रकट करता है व समझाता है कि आगे कुआँ पीछे खाई की कहावत पुरानी हो गई, रोगी को दो विषैले सर्प लिपटे हैं कि चिकित्सा नहीं करने से रोग प्राण लेगा और करने से चिकित्सा व्यय! चिह्न के ऊपर के पंख आपके चिकित्सा व्यय को आकाश की ऊंचाई तक ले जाये! इस चिह्न का पेच यही है कि पेच की भांति पैना अग्र भाग एक बार अपना स्थान बना कर घुसते, आकार व स्थान बढ़ाते चले जाओ!
- जासं, हजारीबाग: देवों के देव महादेव के गले में आभूषण की तरह लिपटे रहने वाले विषैले सर्प नाग की आज पूजन किया जायेगा। शिव के प्रिय महीने श्रावण मास के शुक्ल पक्ष पंचमी को हर वर्ष नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। जहां सावन के कारण शिव भक्त भोले बाबा का जलार्पण करते है वहीं बेल पत्र भांग, धतूरा एवं फल फूल से शिव को प्रसन्न करने में लगे रहते हैं। आज रविवार को नागपंचमी है। शिवभक्त एवं व्रतियां आज शिवालयों में नागपंचमी का व्रत करेंगी। नीलकंठ शिव यानी नागराज के साथ आज नाग को दूध पिलाने एवं दुग्धाभिषे