वैभाषिक वाक्य
उच्चारण: [ vaibhaasik ]
उदाहरण वाक्य
- नकारने वाले... चार्वाक, जैन, वैभाषिक सौत्रांतिक, योगाचार और माध्यमिक जैसे अवैदिक दर्शन की पनाह भी ली किंतु मिला नही उसका ओर न छोर।
- वैभाषिक न्याय की विशेष जानकारी के लिए कात्यायनीपुत्र, वसुबंधु, स्थिरमति, दिङ्नाग, यशोमित्र तथा संघभद्र आदि बौद्ध विद्वानों के ग्रंथों का अवलोकन करना चाहिए।
- वैभाषिक मतानुसार घट आदि पदार्थों में स्थित परमाणु चक्षुरिन्द्रिय के विषय होते हैं तथा चक्षुरिन्द्रिय में स्थित परमाणु चक्षुर्विज्ञान के आश्रय होते हैं।
- वैभाषिक न्याय की विशेष जानकारी के लिए कात्यायनीपुत्र, वसुबंधु, स्थिरमति, दिङ्नाग, यशोमित्र तथा संघभद्र आदि बौद्ध विद्वानों के ग्रंथों का अवलोकन करना चाहिए।
- इसलिए हम भी वैभाषिक, सौत्रान्तिक, योगाचार और माध्यमिक इन प्रसिद्ध चार बौद्ध दर्शनों के विचारों को ही तुलनात्मक दृष्टि से प्रस्तुत करेंगे।
- माना जाता है कि इसके कुल अट्ठारह मत थे जिनमें से प्रमुख तीन हैं-थेरवाद (स्थविरवाद), सर्वास्तित्ववाद (वैभाषिक) और सौतांत्रिक।
- वसुबन्धु ने वैभाषिक सिद्धांतों का सम्यक प्रतिपादन करने के लिए ' अभिधर्मकोश ' नामक ग्रन्थ की रचना की थी, जिसमें छ: सौ कारिकाएं हैं।
- यह बात इस घटना से भी पुष्टि होती है कि वैभाषिक आचार्य संघभद्र ने वसुबन्धु के अभिधर्मकोश के खण्डन में ' न्यायानुसार ' नामक ग्रन्थ लिखा।
- इन तीन सिद्धांतों पर आगे चलकर थेरवाद, वैभाषिक, सौत्रान्त्रिक, माध्यमिक (शून्यवाद), योगाचार (विज्ञानवाद) और स्वतंत्र योगाचार का दर्शन गढ़ा गया।
- जैसे वैशेषिक दार्शनिक अवयवों से अतिरिक्त एक अवयवी द्रव्य की सत्ता स्वीकार करते हैं, वैसे वैभाषिक नहीं मानते, इसलिए घट आदि के अन्तर्गत विद्यमान परमाणु ही इन्द्रिय के विषय होते हैं।