शंकर शेष वाक्य
उच्चारण: [ shenker shes ]
उदाहरण वाक्य
- आज़ादी के बाद जिन हिन्दी नाटककारों ने साहित्य और रंगमंच की दुनिया को अपनी विविधवर्णी रचनात्मकता से समृद्ध किया उनमें जगदीश चन्द्र माथुर, लक्ष्मीनारायण लाल, सुरेन्द्र वर्मा, शंकर शेष, भीष्म साहनी, मुद्राराक्षस आदि के नाटक आज भी हिन्दी साहित्य की आलोचना के परिदृश्य पर अनुपस्थित हैं.
- इसलिए मैं सत्यदेव दुबे के मूल स्वभाव से परिचित था, लेकिन उनकी रंग-कला से मैं रूबरू हुआ मेट्रिक करने के बा द. डा. शंकर शेष द्वारा लिखित नाटक “ अरे मायावी सरोवर ” को सत्यदेव दुबे ने वर्ष १ ९ ७ ४ से मुंबई में मंचित करना आरम्भ कर दिया था.
- ' ' इस बार तुमको अरपा नदी दिखाएंगे और अरपा नदी के पचरी घाट, '' बम्बई से चलने के पहले डॉ. शंकर शेष ने तय किया कि अपनी पत्नी को अपने पुराने शहर के सारे ठिकाने, जिनके साथ उनका पूरा बचपन और बचपन की कितनी-कितनी कथाएं जुड़ी हैं, जरूर दिखाकर लाएंगे।
- 2 अक्टूबर, नाटक और खास कर बिलासपुर से जुड़े लोगों के लिए, डॉ. शंकर शेष की जयंती के रूप में भी याद किया जाता है (यही यानि 2 अक् टूबर डॉ. शेष की पत् नी श्रीमती सुधा की जन् मतिथि है) और यह बीत जाए तो अक्टूबर की ही 28 तारीख उनकी पुण्यतिथि है।
- बिलासपुर के साथ मछुआरिन बिलासा केंवटिन का नाम जुड़ा है।......... श्रीकान्त वर्मा, सत्यदेव दुबे, शंकर तिवारी और डॉ. शंकर शेष, बिलासपुर के चार '' एस '' कहे जाते हैं।......... आंखों पर पट् टी बांधी गांधारी का डॉ. शेष का नाटक ' कोमल गांधार ' और सत्यदेव दुबे के ' अन्धा युग ' की अदायगी के साथ यहां संयोग बनता है कि डॉ.