शरों वाक्य
उच्चारण: [ sheron ]
उदाहरण वाक्य
- कुव्यवस्थित तंत्र के तीक्ष्ण शरों से बिंध कर अंग-अंग में व्याप्त हुयी देश की पीड़ा का अनुभव कर एक वैचारिक क्रान्ति के प्रयास के लिए निश्चित ही अशोक जी साधुवाद के पात्र हैं. ऐसे दुरूह व नीरस.....
- (मुख चारों वेदों से सुशोभित, पीठपर शरों सहित धनुष, एक ओर तो ब्राह्मण-तेज रूपी शास्त्र और दूसरी ओर क्षत्रियोचित शस्त्र)-यह श्लोक आज के ब्राह्मणों को भी शायद प्रेरित कर सके!
- हो गए हों क्षत-विक्षत मगर नष्ट नहीं कर सका कभी कोई भी झंझावात इन्हें पहचानो हाँ, ठीक-ठीक पहचानो इन्हें ये ही तो हैं हर अँधेरे को चीर देने के लिए सन्नद्ध तुम्हारे धनुर्धर जिनके शरों को चाहिए केवल तुम्हारा संबल....
- वर पञ्च शरों सह वनिता केउर अनल-अयन में घुसकर केनिज के प्राणों का दाँव लगातज पञ्चतत्व को सौंप गया. विधवा होकर कर सौंप जिसेदे, ऐसा कोई और मिलेदे-वर विधवा होने पर भीउत्तम-कुल का वर-बरात मिले.वह अग्रज हो वा अनुज भईया उत्तम कुल का इतर सही.उसको ही...
- ४ १. १ ३ २ (रामचन्द्र द्वारा विराध व कबन्ध राक्षसों पर प्रयोग किए गए शरों के स्वरूप का कथन), १. ४४. ३३ (तारकासुर सङ्ग्राम में सर्पों के देवों के शर बनने का उल्लेख), २.
- वर पञ्च शरों सह वनिता केउर अनल-अयन में घुसकर केनिज के प्राणों का दाँव लगातज पञ्चतत्व को सौंप गया. विधवा होकर कर सौंप जिसेदे, ऐसा कोई और मिलेदे-वर विधवा होने पर भीउत्तम-कुल का वर-बरात मिले.वह अग्रज हो वा अनुज भईया उत्तम कुल का इतर सही.उसको ही
- इस तरह हिन्दी का दलित साहित्य वर्ण व्यवस्था के खिलाफ तब शब्द शरों से प्रहार करता है, जब युद्ध समाप्त हो चुका होता है, वहां केवल व्यवस्था पालकों के जर्जर अवशेष बचे होते है...इसी के बीच दलित स्त्री लेखिकाओ को अपनी जगह और पहचान बनाना की रहें तलाशनी होंगी।
- क्या तुम लोग बता सकते हो की गुजरात पिछले पाँच सालों मैं कहा / क्षेत्र मैं विकास किया-जैसे इन अलग अलग राज्या के शरों को के हिसाब से मैं बता सकता हूँ उधरण की तौर पर सोफ़तवारे और कोल सेंटर बंगलोर, दिल्ली, पुणे, कोलकाता काफ़ी आगे बाद रहे है.
- भले ही कंदर्प देवता ने मदन बाण के रुप में महुआ को न चुना हो, उनकी तुणीर में महुआ के लिये स्थान की कमी हो गई हो, परन्तु महुआ स्वयं में इतना सक्षम है कि वह वातावरण में स्वयमेव विस्तारित होकर कामदेव के कुसुम शरों सम प्रभाव का संचरण करता रहता है ।
- ४ ८. ३ ४ (अशोकवाटिका में इन्द्रजित् के शरों के व्यर्थ होने पर इन्द्रजित् द्वारा ब्रह्मास्त्र से हनुमान को बांधना), ६. २२. ३ ६ (राम द्वारा समुद्र पर प्रयुक्त ब्रह्मास्त्र से अभिमन्त्रित बाण का द्रुमकुल्य देश में गिर कर पृथिवी पर मरुभूमि की सृष्टि करना), ६.