सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन वाक्य
उच्चारण: [ sechechidaanend hiraanend vaatesyaayen ]
उदाहरण वाक्य
- साहित्य-संस्कृति ईटीसी अज्ञेय की दो लघु कविताएं स्वनामधन्य कवि सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय की बहुपठित दो लघु कविताएं प्रस्तुत हैं।
- प्रयोगवाद के कवियों में हम सर्वप्रथम तारसप्तक के कवियों को गिनते हैं और इसके प्रवर्तक कवि सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय ठहरते हैं।
- 22 फरवरी, 2012 को कोलकाता में सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' की जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री मो.
- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय ' (१९११-१९८७) जन्म: ७ मार्च १९११ को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कुशीनगर नामक ऐतिहासिक स्थान में ।
- हिन्दी पत्रकारिता को समृद्ध करने वाली ‘ दिनमान ' पत्रिका में संपादक के रूप में सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेयजी की भूमिका निर्णायक रही।
- 7 मार्च को बहुमुखी प्रतिभा के धनी आधुनिक हिंदी साहित्य के युग प्रवर्तक साहित्यकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय की की 102 वीं जयंती है।
- ‘ अज्ञेय ' के उपनाम से विख्यात सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन प्रयोगवाद और नई कविता के विशिष् ट कवि, क्रांतिकारी विचारक, लेखक और पत्रकार रहें।
- इसी जवानी की भूल-गलती खाते में उन्होंने सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय और सुमित्रानंदन पंत को केंद्र में रख कर एक लेख बूढ़ा गिद्ध क्यों पंख फैलाए?
- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन “ अज्ञेय ” (१९११-१९८७) का जन्म ७ मार्च १९११ को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कुशीनगर नामक ऐतिहासिक स्थान में हुआ था।
- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन नाम वे गद् य लेखक तथा संपादक के नाते प्रयुक् त करते थे जबकि सृजनात्मक लेखन ‘ अज्ञेय ' के नाम से करते थे।