सधुक्कड़ी वाक्य
उच्चारण: [ sedhukekdei ]
उदाहरण वाक्य
- कबीर सधुक्कड़ी भाषा में किसी भी सम्प्रदाय और रूढ़ियों की परवाह किये बिना खरी बात कहते थे।
- कबीर सधुक्कड़ी भाषा में किसी भी सम्प्रदाय और रूढ़ियों की परवाह किये बिना खरी बात कहते थे।
- कबीर सधुक्कड़ी भाषा में किसी भी सम्प्रदाय और रूढ़ियों की परवाह किये बिना खरी बात कहते थे।
- कबीर सधुक्कड़ी भाषा में किसी भी सम्प्रदाय और रुढियों की परवाह किये बिना खरी बात कहते थे।
- सधुक्कड़ी शैली में राजस्थानी, पंजाबी, खड़ी बोली और पूर्वी के रुपों का मिश्रण मिलता है।
- कबीर अपनी सधुक्कड़ी में कहते हैं-“ संगत ही जरि जाव न चरचा नाम की ।
- कहते हैं कि मिरजापुर के तुकनगिरि गोसाईं ने सधुक्कड़ी भाषा में ज्ञानोपदेश के लिए लावनी की लय चलाई।
- सर्वसमावेशी सधुक्कड़ी भाषा के पुरोधा कबीर ने ज्ञान क पंथ कृपान क धारा कहकर ज्ञान-मार्ग को दुस्तर बताया।
- सर्वसमावेशी सधुक्कड़ी भाषा के पुरोधा कबीर ने ज्ञान क पंथ कृपान क धारा कहकर ज्ञान-मार्ग को दुस्तर बताया।
- मध्यकालीन सधुक्कड़ी भाषा के कवियों नें प्रायः इसी अर्थ में खुद को ‘ कमीन ' कहा है ।