सात्विक गुण वाक्य
उच्चारण: [ saatevik gaun ]
उदाहरण वाक्य
- सात्विक गुण निःसंदेह प्रभु से जोड़ता है लेकीन यह है बंधन ही अतः यह सोच कर इसे स्वीकार करना चाहिए की एक दिन इसको भी अलबिदा कहना है ।
- गीता का उपदेश करते हुए योगेश्वर श्रीकृष्ण ने कहा-सात्विक गुण के कार्यकाल में जो शरीर का त्याग करता है, वह देव इत्यादि उन्नत योनियों को प्राप्त करता है।
- गीता का उपदेश करते हुए योगेश्वर श्रीकृष्ण ने कहा-सात्विक गुण के कार्यकाल में जो शरीर का त्याग करता है, वह देव इत्यादि उन्नत योनियों को प्राप्त करता है।
- तामसिक गुण-जो तेल में व्यक्त होता है, राजसी गुण-जो बाती में प्रज्वलित होकर व्यक्त होता है और सात्विक गुण-जो प्रकाश में व्यक्त होता है.
- दूसरा आदमी गलती न करे, या करने पर उन्हें मजबूर न करे, ये भी सात्विक गुण है | यह आपने में होना चाहिए | और राजसिक व्यक्ति क्या करेगा?
- सात्विक गुण धारी संसार को परमात्मा के रूप में देखता है, राजस गुण धारी संसार को राग का समुंदर समझता है और तामस गुण धारी संसार से भयभीत रहता है ।
- यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में बृ्हस्पति बली हो, नवम(भाग्य) भाव में स्थित हो या नवम भाव को देखे या नवमेश के नक्षत्र में स्थित हो तो सात्विक गुण की प्रधानता होती है.
- तामस एवं राजस गुणों से सात्विक गुण में पहुँचना, मनुष्य के हाँथ में है लेकीन इस के आगे की यात्रा प्रभु का प्रसाद रूप में किसी-किसी को मिलती है ।
- राजस एवं तामस गुण भोग से जोड़ते हैं और सात्विक गुण प्रभु की ओर रुख करता है लेकीन एक स्थिति ऎसी भी आती है जब सात्विक गुण भी रुकावट बन जाता है ॥ ==== ॐ ======
- राजस एवं तामस गुण भोग से जोड़ते हैं और सात्विक गुण प्रभु की ओर रुख करता है लेकीन एक स्थिति ऎसी भी आती है जब सात्विक गुण भी रुकावट बन जाता है ॥ ==== ॐ ======