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साबूदाने की खिचड़ी वाक्य

उच्चारण: [ saabudaan ki khichedei ]

उदाहरण वाक्य

  1. इनका कहना है कि जब हमारे हिंदू भाई रमज़ान के महीने में देश में स् थान स् थान पर रोज़ा अफ़्तार का आयोजन रखते हैं तो फिर क् या हम नवरात्रि में मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिये साबूदाने की खिचड़ी का फलाहार भी नहीं करवा सकते ।
  2. साबूदाने दो तरह के होते हैं एक बड़े और एक छोटे आकार के साबूदाने साबूदाने की खिचड़ी बनाने के लिये हम बड़े साबूदाने ले कर बनायेगे तो खिली खिली रहेगी व छोटे साबूदानो के चिपक ने का खतरा ज्यादा रह्ता है साबूदानो को १, २ घंटे के लिये भीगने जरुर दीजिय वरना अच्छी नही बनेगी
  3. शायद सबसे आखिर में मै ही पढूंगी ये पोस्ट और आनन्द अ गया पोस्ट पढ़कर और टिप्पणियाँ पढ़कर | जब इंदौर का नाम आया तो और आनन्द अ गया वैसे ऐसे चिरकुट बहुतायत में यहाँ मिलते है | खासकर “ राजवाडा ” पर खरीददारी करते वक्त और सराफे की चाट, कचोरी और साबूदाने की खिचड़ी खाते वक्त |
  4. चेन्नई बेंगलोर आदि मे ना तो कोई ब्रांड के पेकेट मिलते है हा सिर्फ़ १ ००-१ ०० ग्राम के पेकेट प्लेन प्लास्टिक मे मिलते है और मध्यप्रदेश मुंबई आदि स्थानो परकई ब्रांड और आधा किलो और ऐक किलो के ही पेकेट मिलते है | जहाँ सबसे ज़्यादा साबूदाने की खिचड़ी, बड़े पप्ड़और खीर बनयी जाती है |
  5. रबडी, गुलाब जामुन, मालपुआ, कलाकंद, गाजर का हलवा, श्रीखंड, कुल्फी, पानी पूरी, पाव भाजी, चाट, चाईनीज, साबूदाने की खिचड़ी, आलू टिक्की, मसाला डोसा, पिज्जा, खमड, मूंगदाल, बर्फ का गोला, सैंडविच, फाफडा, गराडू ये सब तो उन चीजों के नाम मैने गिनाएं जिन्हें मैं जानता था।
  6. मैने कहा “ खाना ही है तो फिर उपवास का सहारा क्यों वैसे ही खा सकते हो? “ तो उन्होने कहा “ भई उपवास के दौरान रोज़ के भोजन से भिन्न, फलों से लेकर विभिन्न पकवानों तक कई कई वेरायटियाँ (हिन्दी का अद्भुत प्रयोग) खाने को मिलती हैं और सिंघाड़े का हलवा और साबूदाने की खिचड़ी तो मेरा प्रिय व्यंजन है ।
  7. हम दादी माँ के हाथ के साबूदाने की खिचड़ी खाते तो कभी चावल और आम का अचार खाते आम का अचा र तीखा होता तो हमें और मोनिका को मिर्ची लगती तो हम दादा जी के पास जाते और उनसे ठंडाई मांगकर खाते हमें ठंडाई खाने के लिए दादा जी बहुत मनाना पड़ता था वे हमें घुट्ने टेकने कर और हाथ आगे बढाने को कहते थे दादा जी पान के शौकिन थे तो वे पान में (चमन बहार) की ठंडाई डालते थे ।
  8. हम दादी माँ के हाथ के साबूदाने की खिचड़ी खाते तो कभी चावल और आम का अचार खाते आम का अचा र तीखा होता तो हमें और मोनिका को मिर्ची लगती तो हम दादा जी के पास जाते और उनसे ठंडाई मांगकर खाते हमें ठंडाई खाने के लिए दादा जी बहुत मनाना पड़ता था वे हमें घुट्ने टेकने कर और हाथ आगे बढाने को कहते थे दादा जी पान के शौकिन थे तो वे पान में (चमन बहार) की ठंडाई डालते थे ।
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के आस-पास के शब्द

  1. साबुन्
  2. साबू
  3. साबूदाना
  4. साबूदाना मिक्चर
  5. साबूदाने का खीर
  6. साभार
  7. साभिप्राय
  8. साभिप्रायता
  9. साभिमान
  10. साभिवादन
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