सुदर्शनाचार्य वाक्य
उच्चारण: [ sudershenaachaarey ]
उदाहरण वाक्य
- स्वामी सुदर्शनाचार्य जी देश भर में स्वामी सुदर्शनाचार्य जी के लाखों भक्त हैं जो उन्हें नारायण का साक्षात्र अवतार मानते हैं और तदानुसार उनकी पूजा अर्चना करते हैं ये भक्त विशेष से नही हैं बल्कि इनमें सभी जाति धर्म वर्ग के लोग हैं ।
- स्वामी सुदर्शनाचार्य जी देश भर में स्वामी सुदर्शनाचार्य जी के लाखों भक्त हैं जो उन्हें नारायण का साक्षात्र अवतार मानते हैं और तदानुसार उनकी पूजा अर्चना करते हैं ये भक्त विशेष से नही हैं बल्कि इनमें सभी जाति धर्म वर्ग के लोग हैं ।
- मियों / भक्तों को सूचित किया जाता है कि अनन्त कोटि ब्रमाण्डनायक भगवान श्री लश्र्मीनारायण की अनुकम्पा से एवं अनन्त श्री विभूषित श्रीमद् जगद् गुरु रामानुजाचार्य इन्द्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर वैकुण्ठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी, संस्थापक-श्री सिद्धदाता आश्रम, के अनुग्रह से तथा वर्तमान अनन्त श्री विभूषित श्रीमद् जगद् गुरु
- इसी परिवेश में अनन्त श्रीविभूषित वैकुण्ठवासी श्रीमज्जगद्गरु सुदर्शनाचार्य के आत्मज ज्येष्ठ पुत्र एवं शिष्य अनन्त श्रीविभूषित इन्द्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरूषोत्तमाचार्य जी महाराज का जन्म योग्य पिता के योग्य पुत्र के रूप में हुआ है तथा वे अपने पिता के समान ही ईश्वरीय एवं आध्यत्मिक कार्यों में निरन्तर संलग्न हैं।
- इसमें श्रीलक्ष्मीनारायण, श्री राधाकृष्ण, श्री नृसिंह, श्री सीताराम दरबार, भगवती सिंह वाहिनी दुर्गा, विद्या दायिनी सरस्वती, अष्टसिद्धनव निधि के दाता पवन पुत्र हनुमान जी, श्री गौरी शंकर, श्री गणेश, भाष्यकार रामानुज स्वामी सहित श्री गुरु स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज के नयनाभिराम विग्रह की स्थापना की गई हैं।
- दिव्यधाम के संस्थापक वैकुंठवासी श्रीमद् जगद्गुरु स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज की कृपाओं को याद करते हुए अनंत श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने भक्तों के बीच प्रवचन में कहा कि गुरु महाराज वैकुंठलोक में श्रीलक्ष्मीनारायण भगवान के सान्निध्य में रहकर हम पर पहले से सहस्र गुणा कृपाएं बरसा रहे हैं, ऐसा मेरा अनुभव है और भक्तों से ऐसे अनुभव हमें मिल भी रहे हैं।
- राजस्थान में जिला सवाई माधो पुर के गॉव पाड़ला के सम्पन्न ब्राहृण किसान परिवार में जन्मे श्री सुदर्शनाचार्य ने बटाखटला वन्दावन में परम गुरू श्री गोविन्दाचार्य जी से दीक्षा ली तथा भानगढ के जगलों में घोर तप किया एक दिन बातचीत के दौरान गुरू जी ने बताया कि बचपन से ही उन्हें साधू सन्त महात्माओं में बैठना उससे बातचीत करना अच्छा लगता था 4 बर्ष की अल्प आयु में ही गांव में आने वाले एक सन्त के श्रीमुख से
- राजस्थान में जिला सवाई माधो पुर के गॉव पाड़ला के सम्पन्न ब्राहृण किसान परिवार में जन्मे श्री सुदर्शनाचार्य ने बटाखटला वन्दावन में परम गुरू श्री गोविन्दाचार्य जी से दीक्षा ली तथा भानगढ के जगलों में घोर तप किया एक दिन बातचीत के दौरान गुरू जी ने बताया कि बचपन से ही उन्हें साधू सन्त महात्माओं में बैठना उससे बातचीत करना अच्छा लगता था 4 बर्ष की अल्प आयु में ही गांव में आने वाले एक सन्त के श्रीमुख से