सुनीति कुमार चटर्जी वाक्य
उच्चारण: [ suniti kumaar chetreji ]
उदाहरण वाक्य
- भारत के प्रसिद्ध भाषाशास्त्री डॉ. सुनीति कुमार चटर्जी ने भी अपने लेख 'The Oldest Grammar of Hindustani' में केटलार के हिन्दी व्याकरण का अनुशीलन कर एक उत्कृष्ट विश्लेषण प्रस्तुत किया ।
- प्रसिद्ध भाषा शास्त्राी सुनीति कुमार चटर्जी ने अपनी पुस्तक में एक डच यात्राी जॉन केटेलर का उल्लेख किया है जो सन् १६८५ में सूरत में व्यापार करने के लिए आया था।
- प्रसिद्ध भाषा शास्त्राी सुनीति कुमार चटर्जी ने अपनी पुस्तक में एक डच यात्राी जॉन केटेलर का उल्लेख किया है जो सन् 1685 में सूरत में व्यापार करने के लिए आया था।
- इसी अनुवाद से यह व्याकरण प्रकाश में आया ।सन् 1921 में डॉ. सुनीति कुमार चटर्जी जब इंग्लैंड में थे तो उन्हें पुरानी पुस्तकों के एक विक्रेता के यहाँ से डैविड मिल की संपूर्ण रचना मिल गयी ।
- डॉ ० रामनन्दन के अनुसार इसका नामकरण बंगला के विद्वान् और प्रसिद्ध भाषाशास्त्री डॉ ० सुनीति कुमार चटर्जी के नाम पर किया गया है क्योंकि इसकी रचना लेखक ने उनके लेख से प्रभावित होकर किया था ।
- पृथ्वीराज कपूर (29 मई) · सुनीति कुमार चटर्जी (29 मई) · चौधरी चरण सिंह (29 मई) · महबूब ख़ान (28 मई) · जवाहरलाल नेहरू (27 मई) · सरदार हुकम सिंह (27 मई) · सुनील दत्त (25 मई) कुछ लेख
- यह विचार और निर्णय हिंदी भाषियों का नहीं बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू, दयानंद सरस्वती, भाषाविद् सुनीति कुमार चटर्जी, राजा राम मोहन राय आदि अहिंदी भाषियों का था।
- वह तो अपनी पुरानी और घटिया सोच सब पर लादना चाहता है क्योंकि पी. सुब्बारायन व सुनीति कुमार चटर्जी का विचार था कि ” हिंदी को राजभाषा बनाए जाने का निर्णय करने से पहले विश्व विद्यालयों के विद्यार्थियों की राय ली जानी चाहिए थी।
- बड़े नामों से आतंकित हुए बिना उन्होंने 19 वीं सदी के भाषा वैज्ञानिकों और सुनीति कुमार चटर्जी की मान्यताओं का विरोध करते हुए कुछ बुनियादी सवाल पूछे और दृढ़ता से कहा कि भाषाओं का जन्म मनुष्य जाति के जन्म संबंधी धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार नहीं होता।
- बड़े नामों से आतंकित हुए बिना उन्होंने 19 वीं सदी के भाषा वैज्ञानिकों और सुनीति कुमार चटर्जी की मान्यताओं का विरोध करते हुए कुछ बुनियादी सवाल पूछे और दृढ़ता से कहा कि भाषाओं का जन्म मनुष्य जाति के जन्म संबंधी धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार नहीं होता।