सोहन लाल द्विवेदी वाक्य
उच्चारण: [ sohen laal devivedi ]
उदाहरण वाक्य
- मैथिली शरण गुप्त, दिनकर और सोहन लाल द्विवेदी को लानत भेजते हुए अपना दुख भी जता रहे हैं कि हाय फ़िराक को क्यों नहीं राष्ट्र कवि बनाया गया? हमारे मित्र हैं शंभूनाथ शुक्ल।
- पहले यही कार्य पं. श्याम नारायण पाण्डेय, सोहन लाल द्विवेदी, शिवमंगल सिंह ' सुमन ', भवानी प्रसाद मिश्र, रूपनारायण त्रिपाठी, नीरज आदि करते थे, तो असंभव लगता था।
- पं. सोहन लाल द्विवेदी की ये पंक्तियां उस महापुरुष को समर्पित हैं चल पड़े जिधर दो पग डगमग, चल पड़े कोटि पग उसी ओर, पड़ गयी जिधर भी एक दृष्टि, गड़ गये कोटि दृग उसी ओर।
- बाल साहित्य के प्रति खुद बच्चों के रुझान और दिलचस्पी में कमी दिखाई दे रही हो लेकिन जिले में राष्ट्रकवि पंडित सोहन लाल द्विवेदी की विरासत को बाल साहित्यकार बखूबी आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
- स्वतंत्रता के आंदोलन में अपनी कविताओं के माध्यम से क्रांतिकारियों में जोश भरने वाले राष्ट्रकवि पंडित सोहन लाल द्विवेदी की यादगार में नगर के तत्कालीन राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह पटेल ने पुस्तकालय एवं वाचनालय का निर्माण कराया था।
- सन १ ९ ६ २ में सोहन लाल द्विवेदी की अध्यक्षता में अपने पिता द्वारा आयोजित एक कवि सम्मेलन अशोक चक्रधर ने अपने मंचीय जीवन की पहली कविता पढ़कर पं. सोहनलाल द्विवेदी जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।
- इस संग्रहालय में सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला, मैथिली शरण गुप्त, हरिवंश राय बच्चन, सोहन लाल द्विवेदी सहित साहित्य जगत के बीस दिग्गजों के हाथों के छापे भी हैं जिसमें दिख रही रेखाएं उनके जीवन का खुलासा कर देने वाली हैं।
- इन कवियों में माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्ण शर्मा ' नवीन ', जगन्नाथ प्रसाद ' मिलिन्द ', सुभद्राकुमारी चौहान, सोहन लाल द्विवेदी, रामधारी सिंह ' दिनकर ', उदयशंकर भट्ट, उपेन्द्रनाथ ' अश्क ', आदि प्रमुख हैं।
- के प. सोहन लाल द्विवेदी, असनी के अशोक बाजपेयी, लालीपुर के रमानाथ अवस्थी,परसदेपुर के कन्हैया लाल नंदन, बकर गंज के असगर वजाहत, कलक्टरगंज के धनजय अवस्थी आदि ने अपनी रचनाओं से सामजिक क्रांती का विगुल फूंका ।
- हिंदी में श्यामनारायण पाण्डेय, सोहन लाल द्विवेदी, द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी, मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत आदि ने कभी भी अपनामों का सहारा नहीं लिया और अपने मूल नामों से ही हिंदी जगत पर छाये रहे।