स्वामी केशवानन्द वाक्य
उच्चारण: [ sevaami keshevaanend ]
उदाहरण वाक्य
- स्वामी केशवानन्द जी महाराज द्वारा 1 फरवरी, 1923 माघी पूर्णिमा के दिन बनारस, बंगाल तथा भारत के विभिन्न सुविख्यात प्रतिष्ठित वैदिक याज्ञिक ब्राह्मणों द्वारा वैष्ण्वीय परम्परा से मंदिर की प्रतिष्ठा का कार्य पूर्ण कराया।
- 9. राजस्थान स्वर्ण जयंती समारोह समिति जयपुर ने अपनी “ राजस्थान में स्वन्त्रता-संग्राम के अमर पुरोधा ग्रंथमाला ” के अंतर्गत सन 2002 में श्री गोविंद शर्मा द्वारा लिखित उनकी जीवनी “ स्वामी केशवानन्द ” प्रकाशित की ।
- अगर स्वामी केशवानन्द कलेक्टर होते तो क्या वे इतने महत्वपूर्ण कार्य करने में समर्थ हो सकते थे? उन्होंने साढ़े तीन सौ गाँवों में स्कूल बना दिये, सात कॉलेज बना दिये और जनता को स्वावलम्बी बना दिया।
- महापुरुषों के बताये मार्ग पर चलें: गहलोत-स्वामी केशवानन्द की मूर्ति का अनावरण-मानसून की मेहरबानी से किसानों के चेहरे खिले-देवश्री जसनाथजी के-मंदिर का उदघाटन-कृषि के क्षेत्र मे......
- स्वामी जी की शिक्षा प्रचार की इन योजनाएं के महत्व को समझकर प्रोफेसर ब्रजनारायण कौशिक ने स्वामी जी को ‘ शिक्षा-सन्त ' विशेषण देते हुए उनकी प्रथम जीवन गाथा “ शिक्षा संत स्वामी केशवानन्द ” सन् 1968 में लिखी थी।
- अत: भारत सरकार ने स्वामी केशवानन्द जी को स्वन्त्रता-सेनानी के रूप में स्वीकारते हुए उन्हें मरणोपरांत सम्मानित करने के लिए 15 अगस्त 1999 को उनके चित्र से युक्त तीन रूपए का डाक-टिकट जारी किया ।
- मुख्य अतिथि महोदय ने ‘ स्वामी केशवानन्द स्मृति चैरिटेबल ट्रस्ट ' के निर्माण की विधिवत घोषणा की और उसके स्थायी कोष (पूंजी) के निर्माण में उपस्थित जन-समूह से अधिक से अधिक आर्थिक योगदान का साग्रह निवेदन किया।
- श्री स्वामी केशवानन्द ब्रह्मचारी जी महाराज ने हरिद्वार में चण्डी पर्वत के चरण पर चारों ओर से पतितपावनी कल्मषहारिणी पुनीत गंगा से घिरे हुए सुरम्य स्थान पर योग साधना हेतु एक आश्रम की स्थापना की, वहां का वातावरण अत्यन्त सुरम्य एवं मनोहारी है।
- सन 2009 में राजस्थान सरकार ने स्वामी जी के प्रति इलाके के लोगों की श्रद्धा और कृतज्ञता की भावना का सम्मान करते हुए, राजस्थान कृषि विश्वविधालय बीकानेर का नाम स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविधालय बीकानेर करके उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की ।
- जन्म: स्वामी केशवानन्द जी का जन्म महात्मा गांधी से 14 वर्ष पूर्व राजस्थान में सीकर जिले की सीमा पर सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील के अंतर्गत गाँव मगलूणा में पौष माह संवत 1940 (दिसम्बर, सन् 1883) में निर्धन ढाका परिवार में हुआ।