हरमुख वाक्य
उच्चारण: [ hermukh ]
उदाहरण वाक्य
- नदी हरमुख की पहाड़ियों में उत्पन्न होती थी और हमारे गाँव से गुज़र कर कोई १ ५ किलोमीटर बाद वुलर झील में मिलती थी, जो एशिया की सब से बड़ी मीठे पानी की झील मानी जाती है।
- हदें तो तब लांघ गई जब इस भूमि में से गाटा संख्या २ १ ८ ५ रकवा २ ५ बीघा की निजी जमीन की बिक्री सीमा देवी को कर दी, जिसमें हरमुख सिंह ने स्वयं गवाही की है।
- जम्मू-आतंकवाद से जूझते हुए स्वर्ग सिधार चुके कश्मीरी पंडितों और आतंकियों की गोलियों का शिकार हुए सुरक्षाबलों की आत्मिक शांति के लिए पनुन कश्मीर ने हरमुख गंगबल झील के किनारे महाश्राद्ध कर पंडितों की वर्षो पुरानी रिवायत को पूरा किया।
- हरमुख सिंह ने सकवाई में तैनात रहते जैन समुदाय के कुंवर लाल पुत्र बच्चन लाल को मृतक दिखाकर विरासत सुधारानी पुत्री सियाराम निवासी भोलेपुर फतेहगढ़ के नाम दर्ज करके लगभग २ ४ बीघा कृषि भूमि को अपनी पत्नी के नाम दर्ज कर दिया।
- इसी प्रकार हरमुख सिंह ने साल २ ०० ८ में ग्राम समाज की भूमि गाटा संख्या ९ ८ ९ रकवा लगभग १ ९ बीघा व गाटा संख्या १ ७ ४ ३ रकवा १ ९ बीघा को बिना किसी आदेश के अपने नजदीकी रिस्तेदार सीमा देवी पुत्री इंद्रपाल सिंह निवासी विधूना के नाम दर्ज कर दिया।
- जागरण ब्यूरो, जम्मू: पांचवी वार्षिक पांच दिवसीय हरमुख गंगा यात्रा कश्मीर में ग्यारह सितंबर से शुरू हो रही है। देश के विभिन्न हिस्सों से खासी संख्या में कश्मीर पंडित इस यात्रा में हिस्सा लेंगे। गांदरबल जिले के कंगन से साढ़े चौदह हजार फीट ऊंचाई पर स्थित गंगबल झील पर तेरह सिंतबर को गंगा अष्टमी के दिन कश्मीरी पंडित अपने पूर्वजों व शहीदों का श्राद्ध करेंगे। यात्रा की तिथि रविवार को हरमुख गंगा ट्रस्ट के उप अध्यक्ष व राष्ट्रीय प्रवक्ता किंग भारी व ऑल पार्टी माइग्रेंट कोऑर्डिनेशन कमेटी के म
- जागरण ब्यूरो, जम्मू: पांचवी वार्षिक पांच दिवसीय हरमुख गंगा यात्रा कश्मीर में ग्यारह सितंबर से शुरू हो रही है। देश के विभिन्न हिस्सों से खासी संख्या में कश्मीर पंडित इस यात्रा में हिस्सा लेंगे। गांदरबल जिले के कंगन से साढ़े चौदह हजार फीट ऊंचाई पर स्थित गंगबल झील पर तेरह सिंतबर को गंगा अष्टमी के दिन कश्मीरी पंडित अपने पूर्वजों व शहीदों का श्राद्ध करेंगे। यात्रा की तिथि रविवार को हरमुख गंगा ट्रस्ट के उप अध्यक्ष व राष्ट्रीय प्रवक्ता किंग भारी व ऑल पार्टी माइग्रेंट कोऑर्डिनेशन कमेटी के म
- जागरण संवाददाता, जम्मू: समुद्र सतह से चौदह हजार पांच सौ फीट ऊंची हरमुक्त गंगबल श्रृंखला के दुर्गम पहाड़ों के अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित गंगबल झील व आसपास के इलाकों में विकास की जरूरत है। यहां सरकार की ओर से अगर अच्छे ट्रैक व सुरक्षा के समुचित प्रबंध किए जाएं तो धार्मिक पर्यटन के साथ ट्रैकिंग जैसी साहसिक खेलों के लिए विदेशियों के आगमन में बढ़ावा मिल सकता है। गंगबल ट्रस्ट के उपप्रधान किंगसी भारती ने सरकार से हरमुख गंगबल यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को ट्रैक की सुविधाएं म