हीरा डोम वाक्य
उच्चारण: [ hiraa dom ]
उदाहरण वाक्य
- जाति विहीन समाज की जरुरत है. हीरा डोम की कविता काफी मार्मिक है जो दिल को छू गयी
- आलेखों में हीरा डोम की 1914 में की गई दलित की शिकायत को आज भी प्रासंगिक बताया गया है।
- कवि हीरा डोम ने अपने अछूत जीवन की संपूर्ण वेदना को इस कविता के माध्यम से अभिव्यक्त किया है।
- ‘ सरस्वती ' में प्रकाशित हीरा डोम की कविता को भी कई विद्वान पहली हिन्दी दलित कविता मानतें हैं।
- ‘ सरस्वती ' से पटना के श्रीयुत हीरा डोम की कविता अछूत की शिकायत के प्रति मेरा ध्यान आकर्षित किया।
- हीरा डोम ने दलितों की पीड़ा संवेदना को (अपनी कविता) '' अछुत की शिकायत '' से की थी।
- दलित विमर्श में हस्तक्षेप करती हीरा डोम की कविता ‘सरस्वती ' में प्रकाशित होने वाली संभवतः पहली और एकमात्र भोजपुरी कविता थी।
- इसके बाद दलित साहित्य की गूंज हीरा डोम की ‘ अछूत की शिकायत ' 1914 में भी देखी जा सकती है।
- हीरा डोम ने उस समय के दलित संवेदना को जिस ढंग से कविता में रखा उसका स्वरूप आज भी बरकरार है।
- हीरा डोम की कविता पोस्ट करने के लिए परम आदरणीया अनिता भारती का आभार और आज के संवाद का शीर्षक भी यही।