हृषीकेश सुलभ वाक्य
उच्चारण: [ herisikesh sulebh ]
उदाहरण वाक्य
- कथाकार, नाटककार, रंग-समीक्षक हृषीकेश सुलभ का जन्म 15 फ़रवरी सन् 1955 को बिहार के छपरा (अब सीवान) जनपद के लहेजी नामक गाँव में हुआ।
- कथाकार, नाटककार, रंग-समीक्षक हृषीकेश सुलभ का जन्म १ ५ फ़रवरी सन् १ ९ ५५ को बिहार के सीवान जनपद के लहेजी नामक गाँव में हुआ।
- -हृषीकेश सुलभ, [email protected] अपना बचपन याद आ गया भारती परिमल का चलें बचपन के गांव की ओर आलेख पढ़कर अपना बचपन आंखों में तैरने लगा।
- कथाकार, नाटककार, रंग-समीक्षक हृषीकेश सुलभ का जन्म 15 फरवरी सन् 1955 को बिहार के छपरा (अब सीवान) जनपद के लहेजी नामक गांव में हुआ।
- 15 फ़रवरी 1955 को बिहार के छपरा में जनमे कथाकार, नाटककार, रंग-समीक्षक हृषीकेश सुलभ की विगत तीन दशकों से कथा-लेखन, नाट्य-लेखन, रंगकर्म के साथ-साथ सांस्कृतिक आन्दोलनों में सक्रिय भागीदारी रही है।
- संगोष्ठी को संबोधित करने वालों में दिनेश कुशवाहा, तैयब हुसैन, शिवमूर्ति, राजेश कुमार, अरुणेश नीरन, हृषीकेश सुलभ, देवेन्द्र, वीरेन्द्र यादव आदि लेखक प्रमुख थे।
- हृषीकेश सुलभ के नाटकों को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रंगमंडल, श्रीराम सेन्टर रंगमंडल आदि संस्थानों तथा देवेन्द्र राज अंकुर, संजय उपाध्याय आदि कई प्रसिद्ध रंगकर्मियों ने मंचित किया है।
- मोहल् ला लाइव डेस् क ♦ सुपरिचित कथाकार, नाटककार और नाट्यालोचक हृषीकेश सुलभ को प्रथम सिद्धनाथ कुमार स्मृति सम्मान देने की घोषणा रांची के एक संस्थान स्पेनिन ने की है।
- 15 फ़रवरी 1955 को बिहार के छपरा में जनमे कथाकार, नाटककार, रंग-समीक्षक हृषीकेश सुलभ की विगत तीन दशकों से कथा-लेखन, नाट्य-लेखन, रंगकर्म के साथ-साथ सांस्कृतिक आन्दोलनों में सक्रिय भागीदारी रही है।
- हृषीकेश सुलभ ♦ एक लंबे अरसे तक बि हार की जनता की सांस् कृति क भूख को तृप् त करनेवाले नाटककार और रंगकर्मी श्री चतुर्भुज का कल पटना में देहावसान हो गया।