२७ अप्रैल वाक्य
उच्चारण: [ 27 aperail ]
उदाहरण वाक्य
- वहीं ३० अप्रैल को अबयज़ ख़ान के द्वारा अर्ज है-उन चुनावों का मज़ा अब कहां? जबकि २७ अप्रैल को कुलदीप अंजुम अपने ब्लॉग पोस्ट के मध्यम से अपपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहते हैं-” सुबह को कहते हैं कुछ शाम को कुछ और होता,क्या अजब बहरूपिये हैं, हाय! भारत तेरे नेता!!
- वहीं ३० अप्रैल को अबयज़ ख़ान के द्वारा अर्ज है-उन चुनावों का मज़ा अब कहां? जबकि २७ अप्रैल को कुलदीप अंजुम अपने ब्लॉग पोस्ट के मध्यम से अपपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहते हैं-” सुबह को कहते हैं कुछ शाम को कुछ और होता,क्या अजब बहरूपिये हैं, हाय! भारत तेरे नेता!!
- वहीं ३० अप्रैल को अबयज़ ख़ान के द्वारा अर्ज है-उन चुनावों का मज़ा अब कहां? जबकि २७ अप्रैल को कुलदीप अंजुम अपने ब्लॉग पोस्ट के मध्यम से अपपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहते हैं-” सुबह को कहते हैं कुछ शाम को कुछ और होता,क्या अजब बहरूपिये हैं, हाय! भारत तेरे नेता!!