२९ दिसम्बर वाक्य
उच्चारण: [ 29 disember ]
उदाहरण वाक्य
- देशी रियासत काल में, यहाँ एक हवाई पट्टी होती थी,इस का विकास ही,राजस्थान गठन के बाद,पर्यटन तथा राजनैतिक कारणों के चलते एक हवाई अड्डे के रूप में हो गया,इस अड्डे को २९ दिसम्बर २००५ को अन्तररास्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा दे दिया गया
- राज्य से इसे देश का दर्जा २९ दिसम्बर १९३७ को प्राप्त हुआ और सन १९४९ को यह देश पूर्ण रूप से रिपब्लिक ऑफ आयरलैंड के नाम से दुनिया के मानचित्र पर अंकित हो गया परन्तु इसका एक भाग आज भी यू० के० के अधिकार क्षेत्र में आता है, जिसे उत्तरी आयरलैंड कहा जाता है।
- राज्य से इसे देश का दर्जा २९ दिसम्बर १९३७ को प्राप्त हुआ और सन १९४९ को यह देश पूर्ण रूप से रिपब्लिक ऑफ आयरलैंड के नाम से दुनिया के मानचित्र पर अंकित हो गया परन्तु इसका एक भाग आज भी यू० के० के अधिकार क्षेत्र में आता है, जिसे उत्तरी आयरलैंड कहा जाता है।
- कवि का नाम गोविन्द सिह असिवाल-जनम-२९ दिसम्बर १९३६ निवासी-ग्राम गुजरडी, ताडीखेत (अल्मोड़ा) छपी किताब-तेरी मीके याद वै इजा, रोटिया, नागफनी के जंगल, शब्दों की झील, कागज़ के नाव अन्य..-उत्तराखंड भूमि--हमू बड़ी प्यारी लागेछिउत्तराखंड भूमि! जग भे न्यारी लागिछी!उत्तराखंड भूमि! ऊँचा ऊँचा डान यां छे!
- बाबरी मस्जिद और विवादित घटना क्रम ः १ * मस्जिद के अन्दर मूर्तियां रखने का मुकदमा पुलिस ने अपनी तरफ से करवाया जिसकी वजह से २९ दिसम्बर १९४९ में मस्जिद के कुर्की के बाद ताला लगा दिया गया और तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष प्रिय दत्त राम के देख-रेख में मूर्तियों की पूजा की जिम्मेदारी दे दी गयी ।
- बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि २७ से २९ दिसम्बर तक संसद में किया होता है कियुंकि अपने संख्या बल के आधार पर कांग्रेस सरकार अपने इस प्रारूप को लोकसभा में तो पारित करा सकती है परन्तु असली परीक्षा तो राज्य सभा में होगी | एक और अवरोध भी सरकार को पार करना ही पड़ेगा और वो है तीन चोइथायी बहुमत का कियुंकि इस प्रारूप के साथ संविधान संशोधन भी जुड़ा हुआ है |
- समग्र विश्व के अध्यात्मिक पथिकों के मार्गदर्शन व् कल्याण के लिए ओडिया भाषा में रचित अमूल्य अध्यात्मिक निधि ” श्री गुरु भाग्वत “ ग्रन्थ (प्रथम-स्कन्द) का अंग्रेजी रूपांतरण पुस्तक का अनावरण पूज्य गुरूजी श्री चन्द्र भानु सतपथीजी ने २९ दिसम्बर २०११ को गुडगाँव स्तिथ साईं का आंगन मंदिर में आयोजित भव्य समारोह में असंख्य साईं भक्तों के हर्ष उल्हास एवं करतल ध्वनि के बीच कर, प्राचीन ऋषि मनीषों द्वारा प्रतिपादित “गुरु तत्व” के मार्ग की अविरल असीम श्रंखला को जनसामान्य तक सहज सामान्य अबाधित रूप में प्रस्तुत किया ।”