जूते बनाना उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- एडोल्फ “एडी” डास्लर ने प्रथम विश्व युद्ध से लौटने के बाद हरजोनाउराच, बावरिया में अपनी मां की रसोई में अपने खुद के खेल के जूते बनाना शुरू किया.
- जर्राही का पेशा अपनाकर रक्त और मांस से घृणा करने वाली ब्राह्मण जाति की संतानें ' सर्जन ' बन गयीं. चमडों का काम और जूते बनाना चमारों का व्यवसाय था.
- उसने गूंगे को भी जूते बनाना सिखा दिया और कुछ ही समय में वह इतने सुन्दर और बढ़िया जूते बनाने लगा कि उसकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गई, परन्तु वह आदमी किसी से कुछ नहीं कहता और अपने कार्य में लगा रहता था।
- उन्होंने शुरू में ऐसे ही उद्योग विकसित किए जिनमें करोड़ों लोगों को रोजगार मिल सके, जैसे खिलौने बनाना, जूते बनाना, वस्त्र बनाना, इत्यादि और उन्हें उन्होंने दुनिया के कोने-कोने में बेचकर इतना पैसा कमाया कि बड़े से बड़े उद्योग भी अब वहां लगने लगे हैं।
- जो युवक मिडिल, एण्ट्रेन्स, एफ ० ए ०, बी ० ए ० पास करने में हजारों रुपए नष् ट करके दस, पन्द्रह, बीस या तीस रुपए की नौकरी के लिए ठोकरें खाते फिरते हैं उन्हें नौकरी का आसरा छोड़कर कई उद्योग जैसे बढ़ईगिरी, लुहारगिरी, दर्जी का काम, धोबी का काम, जूते बनाना, कपड़ा बुनना, मकान बनाना, राजगिरी इत्यादि सीख लेना चाहिए ।
- हमारी जाति-व्यवस्था काफ़ी पुरानी है| इस काल में जातिगत भेदभाव और छुआछूत अपने चरम पर थे| रैदास जाति से चर्मकार थे, और उनके परिवार का पेशा जूते बनाना था| यह जाति भी पिछड़ी जातियों में से एक थी | उन्होंने अपने कई पदों में अपने आप को चमार कहा था “ ऐसी मेरी जाति भिख्यात चमार”, “कह रैदास खलास चमारा” आदि| रैदास अपने समय के उन सुधारक सन्तों में थे जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक बुराइयों को दूर करने में बड़ा योगदान दिया| जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात।
- हमारी जाति-व्यवस्था काफ़ी पुरानी है | इस काल में जातिगत भेदभाव और छुआछूत अपने चरम पर थे | रैदास जाति से चर्मकार थे, और उनके परिवार का पेशा जूते बनाना था | यह जाति भी पिछड़ी जातियों में से एक थी | उन्होंने अपने कई पदों में अपने आप को चमार कहा था “ ऐसी मेरी जाति भिख्यात चमार ”, “ कह रैदास खलास चमारा ” आदि | रैदास अपने समय के उन सुधारक सन्तों में थे जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक बुराइयों को दूर करने में बड़ा योगदान दिया |