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मौक़ापरस्त उदाहरण वाक्य

मौक़ापरस्त अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. बहरहाल यह गलत धारणा बनी हुई है, और टकीला को प्रीमियम के रूप में पेश करने के सारे प्रयासों और विपणन के बावजूद-जिस प्रकार ब्रांडी की तुलना में कॉगनैक को देखा जाता है, ठीक उसी प्रकार-कुछ ऐसे मौक़ापरस्त उत्पादक हैं, जो लाभ कमाने के लिए इन सीमाओं को धुंधला कर रहे हैं.
  2. बहरहाल यह गलत धारणा बनी हुई है, और टकीला को प्रीमियम के रूप में पेश करने के सारे प्रयासों और विपणन के बावजूद-जिस प्रकार ब्रांडी की तुलना में कॉगनैक को देखा जाता है, ठीक उसी प्रकार-कुछ ऐसे मौक़ापरस्त उत्पादक हैं, जो लाभ कमाने के लिए इन सीमाओं को धुंधला कर रहे हैं.
  3. घूमे प्रचार किया जनता को उम्मीदें जगाये फिर अचानक टिकिट वितरण के बाद कोंग्रेस और बाजपा के मौक़ापरस्त बेवफा लोगों को इन्होने अपने साथ मिलाया बुला बुला लार टिकिट दिया हालात बदल गए राजपा जो एक हीरो डॉकटर किरोड़ीलाल मीणा कि पार्टी के रूप में उभरी थी वोह अब ज़ीरो पार्टी हो गयी.
  4. हालांकि किताब का कथानक भोपाल के गैस पीड़ितों के दर्द को पायेदार चुनौती देने की कोशिश के बारे में है लेकिन साथ-साथ सरकार, न्यायपालिका, राजनेता, मौक़ापरस्त बुद्दिजीवियों और व्यापारियों को आईना दिखा रही औरतों की अपनी ज़िंदगी की दुविधाओं के ज़रिये मेरे जैसे कन्फ्यूज़ लोगों को औरत की इज्ज़त करने की तमीज सिखाने का प्रोजेक्ट भी इस किताब में मूल कथानक के समानांतर चलता रहता है.
  5. हालांकि किताब का कथानक भोपाल के गैस पीड़ितों के दर्द को पायेदार चुनौती देने की कोशिश के बारे में है लेकिन साथ साथ सरकार, न्यायपालिका, राजनेता, मौक़ापरस्त बुद्दिजीवियों और व्यापारियों को आइना दिखा रही औरतों की अपनी ज़िंदगी की दुविधाओं के ज़रिये मेरे जैसे कन्फ्यूज़ लोगों को औरत की इज्ज़त करने की तमीज सिखाने का प्रोजेक्ट भी इस किताब में मूल कथानक के समानांतर चलता रहता है.
  6. आज साथ छूट गया है और याद आ रहा है वो रिश्ता जो शायद कभी था ही नही तुम मेरे सामने हो, पर मेरे नही मेरे तन्हाई की शोर मे शामिल हो गया झींगुरों का गान बैचैनि में करती चहलकदमी ने मुझे लाकर खड़ा किया है तुम्हारे आशियाने के करीब मौक़ापरस्त खिड़की दूरबीन में तब्दील हो गयी है आज तुम्हारी आँखों में किसी और की परछाई है तुम्हारे होठों पर हँसी की चटाई किसी और ने बिछाई है
  7. मामले में सुधीश की कोई दिलचस्पी शायद नहीं थी, ना ही अशोक वाजपेयी और ना ही विष्णु खरे को सुधीश की चिमटा मारने की औक़ात है न हिम्मत. ना ही कोई भी ‘ आदरणीय ' या ‘ परम-आदरणीय ' सुधीश का ‘ उद्धार ' कर सकता था / है, इसलिए सुधीश ने समूचे डेमोक्रेटिक मसले को ‘ प्रवीण तोगड़िया-मार्का ' लहज़े में ‘ ठेल ' (जिसका एक समानतुक शब्द सुधीश ने इस्तेमाल किया) दिया, मौक़ापरस्त प्रभात रंजन ने भी इसे लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
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