वातज उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- आयुर्वेद ने खाँसी के 5 भेद बताए हैं अर्थात वातज, पित्तज, कफज ये तीन और क्षतज व क्षयज से मिलाकर 5 प्रकार के रोग मनुष्यों को होते हैं।
- (1) वातज पाण्डु (पीलिया) के लक्षण चरक ने लिखा है, बादी करने वाले अन्नपानादि सेवन करने और उपवास आदि करने से वायु कुपित होकर कष्टसाध्य पाण्डु रोग पैदा करती है।
- हल्दी के कई गुण हैं इसमें कई तरह की बीमारियां जैसे कि वातज रोग (Rheumatoid) और जोड़ों का दर्द (Osteoarthritis) को ठीक करने की क्षमता है।
- सिर दर्द से पीड़ित रोगी को कुमारी के गूदे में थोड़ी मात्रा में दारूहरिद्रा का चूर्ण मिलाकर गर्म करके दर्द वाले स्थानों पर बांधने से वातज सिर का दर्द ठीक होता है।
- इस भाग-दौड़ में उसे हरदम हाँफते रहना पड़ता है. उसे ' श्वास-कास-हिक्का ' नामक बीमारी तो है ही, साथ ही ' वातज ज्वर ' नामक भीषण बीमारी भी है.
- इटाली को वातज द्वीप मा एक ज्वालामुखी द्वीप बारी मा नाम जसको वालकैन, रोमन पौराणिक कथाहरू मा आगो को एक देवता को नाम ले निकलती हो को नाम ले ली गई छ।
- भावप्रकाश के अनुसार, गुड़ का अदरक के साथ सेवन कफ को छांटता है, हरड के साथ पित्त का नाश करता है और सौंठ के साथ सम्पूर्ण वातज रोगों में लाभकारी है।
- वैसे हरड़ कफ़ पित्त वात तीनों के रोगों में काम आती है, सेंधा नमक के साथ कफ़ज, शक्कर के साथ पित्तज एवं घी के साथ वातज रोगों में लाभ पहुंचाती है।
- वातज प्रकार की खाँसी में हृदय, कनपटी, पसली, उदर, और सिर में वेदना या पीड़ा होती है, मुख सूखता है, बल पराक्रम और स्वर क्षीणता होती है।
- आवृत वात मे आवरण की चिकित्सा प्रथम तथा मूल हेतु वायु की चिकित्सा बाद में करी जाती है जिसके लिए वातज व्याधियों की चिकित्सा के सामान्य सिद्धांत, उपक्रम तथा आहार-विहार के साथ विविध औषध उपयोगी हैं ।