qatar वाक्य
"qatar" हिंदी में qatar in a sentenceउदाहरण वाक्य
- “The symbolism of a major American presidential candidate with the middle name of Hussein, who went to elementary school in Indonesia,” reports Tamara Cofman Wittes of the Brookings Institution from a U.S.-Muslim conference in Qatar , “that certainly speaks to Muslims abroad.” Thomas L. Friedman of the New York Times found that Egyptians “don't really understand Obama's family tree, but what they do know is that if America - despite being attacked by Muslim militants on 9/11 - were to elect as its president some guy with the middle name 'Hussein,' it would mark a sea change in America-Muslim world relations.”
कतर से अमेरिकी मुस्लिम सम्मेलन से ब्रूकिंग्स संस्थान के तमारा कोफमैन विट्स ने बताया कि, “ अमेरिका के प्रमुख राष्ट्रपतीय प्रत्याशी का हुसैन मध्य नाम और जो कि आरम्भिक अवस्था में इंडोनेशिया में विद्यालय गया वह निश्चित रूप से बाहर के मुसलमानों के लिये कुछ कहता है” न्यूयार्क टाइम्स में थामस एल फ्रीडमैन ने लिखा है कि मिस्र के लोग, “ ओबामा के वंशवृक्ष को नहीं समझते परंतु वह यह जानते हैं कि यदि 11 सितम्बर को उग्रवादी मुसलमानों द्वारा आक्रमण का शिकार होने के बाद भी अमेरिका के लोग किसी ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति चुन सकते हैं जिसका मध्य का नाम हुसैन है तो यह निश्चय ही अमेरिका और मुस्लिम विश्व के सम्बन्धों में भारी परिवर्तन है” - June 21, 2013 update : Finally, someone has come out and, with aching caution, publicly seconded my call to help the Islamists in Syria batter each other to the death. Harold Rhode , formerly of the Department of Defense, writes in inFocus about the Sunni Islamists fighting in Syria that all of them, whether supported by Qatar, Saudi Arabia, or Turkey, are passionately and aggressively anti-Western, anti-Russian, anti-Chinese, and anti-Israel. All of the non-Sunni world has a huge stake in their defeat and might even consider ways to help them fight each other. August 24, 2013 update : And now Edward N. Luttwak , a senior associate at the Center for Strategic and International Studies, echoes precisely my argument in New York Times op-ed, “In Syria, America Loses if Either Side Wins”: A victory by either side would be equally undesirable for the United States. At this point, a prolonged stalemate is the only outcome that would not be damaging to American interests.
हाँ , असद के बचने से तेहरान को लाभ होगा जो कि इस क्षेत्र का सबसे खतरनाक शासन है। परंतु हमें याद रखना चाहिये कि विद्रोहियों की विजय से दुष्ट तुर्की सरकार को बल मिलेगा तथा जिहादी शक्तियाँ शक्तिशाली होंगी और असद सरकार का स्थान उत्साहित और ज्वलनशील इस्लामवादी ग्रहण कर लेंगे। संघर्ष के जारी रहने से पश्चिमी हितों को उतनी क्षति नहीं होगी जितना कि उनके सत्ता प्राप्त कर लेने से। शिया और सुन्नी इस्लामवादी एक साथ मिल जायें इससे बेहतर यही होगा कि हमास जिहादी हिज्बुल्लाह जिहादियों को मारें या फिर इसका उलट हो ।बेहतर यही हो कि दोनों ही पक्षों में से कोई विजयी न हो। - Qatar (with a national population of 225,000) has an arguably greater impact on current events than the 1,400-times-larger United States (population: 314 million). Note how Obama these days takes a back seat to the emirs of Doha: They take the lead supplying arms to the Libyan rebels, he follows. They actively help the rebels in Syria, he dithers. They provide billions to the new leadership in Egypt, he stumbles over himself. They unreservedly back Hamas in Gaza, he pursues delusions of an Israeli-Palestinian “peace process.” Toward this end, the U.S. secretary of state made six trips in four months to Israel and the Palestinian territories in pursuit of a diplomatic initiative that almost no one believes will end the Arab-Israeli conflict.
कतर ( जिसकी जनसंख्या 225,000 है ) जैसे देश का अपने से 14,00 गुना बडे ( 30 करोड 14 लाख जनसंख्या के देश) अमेरिका से कहीं अधिक वर्तमान घटनाओं पर प्रभाव है। यह बात ध्यान देने वाली है कि किस प्रकार ओबामा ने दोहा के अमीर के मुकाबले पिछली सीट ले रखी है। लीबिया के विद्रोहियों को शस्त्र देने में वे नेतृत्व कर रहे हैं और ये ( ओबामा) उनका अनुकरण कर रहे हैं। वे सीरिया में विद्रोहियों की सक्रिय रूप से सहायता कर रहे हैं और ये ( ओबामा) काँप रहे हैं। वे मिस्र में नये नेतृत्व को अरबों की सहायता दे रहे हैं और ये अपने कदम खींच रहे हैं। वे बिना किसी शर्त के गाजा में हमास का समर्थन कर रहे हैं और ये इजरायल फिलीस्तीन के मामले में “ शांति प्रक्रिया” के छलावे में जी रहे हैं। इसे सिरे तक ले जाने के लिये विदेश मंत्री ने पिछ्ले चार माह में इजरायल और फिलीस्तीन की छह यात्रायें की हैं ताकि कूटनीतिक पहल कर सकें जिसे लेकर किसी को विश्वास नहीं है कि इससे अरब इजरायल संघर्ष का अंत होगा। - First, it raises delicate issues of reciprocity in Muslim-Christian relations. A few examples: When Our Lady of the Rosary, Qatar 's first-ever church opened in 2008, it did so minus cross, bell, dome, steeple, or signboard. Rosary's priest, Father Tom Veneracion, explained their absence: “The idea is to be discreet because we don't want to inflame any sensitivities.” And when the Christians of a town in Upper Egypt , Nazlet al-Badraman, finally after four years of “laborious negotiation, pleading, and grappling with the authorities,” won permission in October to restore a tottering tower at the Mar-Girgis Church, a mob of about 200 Muslims attacked them, throwing stones and shouting Islamic and sectarian slogans. The situation for Copts is so bad, they have reverted to building secret churches .
पहला, यह ईसाइयों द्वारा मुस्लिमों के साथ किये जाने वाले व्यवहार के बदले की जाने वाली अपेक्षा के नाजुक विषय से जुडा है। जब कतर में लेडी आफ रोजरी का पहला चर्च 2008 में खुला तो इसमें क्रास, घण्टी, गुम्बद, छत के ऊपर की मीनार या चिन्ह बोर्ड जैसी चीजें नहीं थीं। रोजरी चर्च के पादरी टाम वेनेरेसियन ने इन चीजों के अनुपस्थित रहने की व्याख्या करते हुए कहा, “ यह निर्णय दूसरों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया ताकि किसी की भावनायें आहत न हों”। जब ऊपरी मिस्र के एक शहर नजलत अल बद्रमान के ईसाइयों ने चार वर्षों के परिश्रमपूर्ण बातचीत, वकालत और अधिकारियों ने मनुहार करके अक्टूबर में इस बात की अनुमति प्राप्त कर ली कि मर गिरगिस चर्च पर एक टावर खडा कर लिया जाये तो 200 मुस्लिमों की एक भीड ने इस पर आक्रमण कर दिया और पत्थर फेंके और इस्लामी और साम्प्रदायिक नारे लगाये। काप्ट ईसाइयों के लिये स्थिति इतनी खराब है कि वे अब गुप्त तरीके से चर्च निर्माण पर उतर आये हैं।