अंशुबोधिनी वाक्य
उच्चारण: [ aneshubodhini ]
उदाहरण वाक्य
- इनके द्वारा अंशुबोधिनी में वर्णित विधि से किया गया।
- इनके द्वारा अंशुबोधिनी में वर्णित विधि से किया गया है ।
- यदि भौतिक विज्ञान और वैशेषिक दर्शन के साथ-साथ अंशुबोधिनी के आधार पर ' शब्द' (तरंग वृत्ति:
- एवं उनकी विवेचना-इस संदर्भ में अंशुबोधिनी में तम के वर्णक्रमीय वृत्तों के सांकेतिक नाम (सांकेत) के साथ तम-प्रमापक-संख्या कोण की “कक्ष्य” इकाई में क्रमपूर्वक दी गयी है जोकि निम्नांकित उद्धरण से प्राप्त होती है-संकेतों की
- वर्णक्र्रम मापक / ' ध्वान्त प्रमापक यंत्र ' (Spectrometer) 2 प्राच्य संस्थान, बडोदरा (Oriental Institute, Vadodara) के पुस्तकालय से बोधानन्द की टीका के साथ ‘ अंशुबोधिनी ' शीर्षक की महर्षि भरद्वाज रचित एक पांडुलिपि प्राप्त हुयी है।
- अंशुबोधिनी के पाठ (text) में उद्धृत सूर्यप्रकाश के वर्णक्रम से संदर्भित ये आँकड़े विवेचित किये जाँच इसके पूर्व प्राचीन कोण की इकाई “ कक्ष्य ”, मणि संयोजन (prism setting) तथा आवश्यक सूत्र के निष्पादन हेतु वैज्ञानिक टिप्पणियों की आवश्यकता है।
- वर्णक्रमीय आँकड़े (Spectral data) एवं उनकी विवेचना-इस संदर्भ में अंशुबोधिनी में तम के वर्णक्रमीय वृत्तों के सांकेतिक नाम (सांकेत) के साथ तम-प्रमापक-संख्या कोण की “ कक्ष्य ” इकाई में क्रमपूर्वक दी गयी है जोकि निम्नांकित उद्धरण से प्राप्त होती है-
- का रेखा-चित्र “अंशुबोधिनी” के उपलब्ध पाठ में उपर्युक्त यंत्र के वर्णन को दृष्टिगत रखते हुए, इस लेख के लेखक के द्वारा संभावित रेखाचित्र अभिकल्पित किया है, जो कि अंशुबोधिनी के पाठ के अनुसार उस समय ज्ञात पाँच प्रकार के यंत्रों में से एक है, चित्र संख्या-१७ में दर्शाया गया है।
- “ अंशुबोधिनी ” के उपलब्ध पाठ में उपर्युक्त यंत्र के वर्णन को दृष्टिगत रखते हुए, इस लेख के लेखक के द्वारा संभावित रेखाचित्र अभिकल्पित किया है, जो कि अंशुबोधिनी के पाठ के अनुसार उस समय ज्ञात पाँच प्रकार के यंत्रों में से एक है, चित्र संख्या-१ ७ में दर्शाया गया है।
- “ अंशुबोधिनी ” के उपलब्ध पाठ में उपर्युक्त यंत्र के वर्णन को दृष्टिगत रखते हुए, इस लेख के लेखक के द्वारा संभावित रेखाचित्र अभिकल्पित किया है, जो कि अंशुबोधिनी के पाठ के अनुसार उस समय ज्ञात पाँच प्रकार के यंत्रों में से एक है, चित्र संख्या-१ ७ में दर्शाया गया है।
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