अनन्वय वाक्य
उच्चारण: [ anenvey ]
उदाहरण वाक्य
- हिन्दी कवियों में राष्ट्र कवि प्रो० श्रीकृष्ण सरल अनन्वय अलंकार की भाँति समादृत हैं।
- वह एक स्वतंत्र रूप है, अनन्वय है, वह किसी की प्रतिकृति नहीं है।
- इस कारण उनके गीतों में व्याजस्तुति, व्याजनिंदा, विभावना, व्यतिरेक, भ्रांतिमान, संदेह, विरोधाभास, अपन्हुति, प्रतीप, अनन्वय आदि अलंकारों की उपस्थति नगण्य है.
- इस कारन उनके गीतों में व्याजस्तुति, व्याजनिंदा, विभावना, व्यतिरेक, भ्रांतिमान, संदेह, विरोधाभास, अपन्हुति, प्रतीप, अनन्वय आदि अलंकारों की उपस्थति नगण्य है.
- पेशियों का दुर्बल होना, कुछ प्रकार के अनन्वय (अंगों का मिलकर कार्य करने की अयोग्यता), अतिवृद्धि के कारण तंत्रिकाओं (नर्व्ज़) का सूज जाना इत्यादि।
- पेशियों का दुर्बल होना, कुछ प्रकार के अनन्वय (अंगों का मिलकर कार्य करने की अयोग्यता), अतिवृद्धि के कारण तंत्रिकाओं (नर्व्ज़) का सूज जाना इत्यादि।
- भारतीय साहित्य में अनुप्रास, उपमा, रूपक, अनन्वय, यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतिशयोक्ति, वक्रोक्ति आदि प्रमुख अलंकार हैं।
- ' अनन्वय अलंकार' का चमत्कार दिखाया हो, ऐसी बात कदापि नहीं, बल्कि महर्षि वाल्मीकि रावण को शक्ति संपन्नता की दृष्टि से राम के समकक्ष रखना चाहते हैं।
- इस कारन उनके गीतों में व्याजस्तुति, व्याजनिंदा, विभावना, व्यतिरेक, भ्रांतिमान, संदेह, विरोधाभास, अपन्हुति, प्रतीप, अनन्वय आदि अलंकारों की उपस्थति नगण्य है.
- उपमा, अनन्वय तथा संदेह अलंकार की तरह प्रतीप अलंकार में भी सादृश्य का चमत्कार रहता है, अंतर यह की उपमा की अपेक्षा इसमें उल्टा रूप दिखाया जाता है.
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