अहोबल वाक्य
उच्चारण: [ ahobel ]
उदाहरण वाक्य
- अहोबल शास्त्री, जगन्नाथ शास्त्री, पंडित काकाराम, पंडित मायादत्त, पंडित
- 17वीं शती में ही अहोबल ने “संगीतपारिजात” नामक ग्रंथ लिखा।
- 17वीं शती में ही अहोबल ने “संगीतपारिजात ” नामक ग्रंथ लिखा।
- प्रसिद्ध संगीतज्ञ पं. अहोबल ने अपनी पुस्तक ‘ संगीत पारिजात ' (सन् 1650) में वीणा का सविस्तार वर्णन किया है।
- पं 0 अहोबल ने भी संगीत-पारिजात में भारतीय संगीत की 22 श्रृतियो ंका मनुष्य के शरीर की 22 धमनियों से सम्बन्धित होने का वर्णन किया है।
- अहोबल शास्त्री, जगन्नाथ शास्त्री, पंडित काकाराम, पंडित मायादत्त, पंडित हीरानंद चौबे, काशीनाथ शास्त्री, पंडित भवदेव, पंडित सुखलाल ऐसे धुरंधर पंडित और भी जिनका नाम इस समय मुझे स्मरण नहीं आता अनेक ऐसे ऐसे हुए हैं, जिनकी विद्या मानों मंडन मिश्र की परंपरा पूरी करती थी।
- शांरगदेव द्वारा रचित ‘संगीत रत्नाकर ' के अतिरिक्त चौदहवीं शताब्दी में विद्यारण्य द्वारा ‘संगीत सार', पन्द्रहवीं शताब्दी में लोचन कवि द्वारा ‘राग तरंगिणी', सोलहवीं शताब्दी में पुण्डरीक विट्ठल द्वारा ‘सद्रागचंद्रोदय', रामामात्य द्वारा ‘स्वरमेल कलानिधि', सत्रहवीं शताब्दी में हृदयनारायण देव द्वारा ‘हृदय प्रकाश' व ‘हृदय कौतुकम्', व्यंकटमखी द्वारा ‘चतुर्दंर्डिप्रकाशिका', अहोबल द्वारा‘संगीत पारिजात', दामोदर पण्डित द्वारा ‘संगीत दर्पण,' भावभट्ट द्वारा ‘अनूप विलास' व ‘अनूप संगीत रत्नाकार', सोमनाथ' द्वारा' अष्टोत्तरशतताल लक्षणाम्' और अठारहवीं शताब्दी में श्रीनिवास पण्डित द्वारा ‘राग तत्व विबोध:', तुलजेन्द्र भोंसले द्वारा ‘संगीत सारामृतं' व ‘राग लक्षमण्' ग्रन्थों की रचना हुई।
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