उपग्रह् वाक्य
उच्चारण: [ upegarh ]
उदाहरण वाक्य
- टाइटन बृहस्पति के उपग्रह गिनिमेड के बाद दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह् है।
- टाइटन बृहस्पति के उपग्रह गिनिमेड के बाद दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह् है।
- जिसकि परिधि एक ठोस तत्व से निर्मित है तथा जिसके आन्तरिक क्षेत्र में सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारे आदि स्थित हैं और साथ ही साथ जिसके आन्तरिक क्षेत्र को हम जगत, संसार, विश्व, सृष्टि, यूनवर्स आदि-आदि के नाम से सम्बोधित करते हैं।
- जिसकि परिधि एक ठोस तत्व से निर्मित है तथा जिसके आन्तरिक क्षेत्र में सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारे आदि स्थित हैं और साथ ही साथ जिसके आन्तरिक क्षेत्र को हम जगत, संसार, विश्व, सृष्टि, यूनवर्स आदि-आदि के नाम से सम्बोधित करते हैं।
- जिसकि परिधि एक ठोस तत्व से निर्मित है तथा जिसके आन्तरिक क्षेत्र में सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारे आदि स्थित हैं और साथ ही साथ जिसके आन्तरिक क्षेत्र को हम जगत, संसार, विश्व, सृष्टि, यूनवर्स आदि-आदि के नाम से सम्बोधित करते हैं।
- जिसकि परिधि एक ठोस तत्व से निर्मित है तथा जिसके आन्तरिक क्षेत्र में सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारे आदि स्थित हैं और साथ ही साथ जिसके आन्तरिक क्षेत्र को हम जगत, संसार, विश्व, सृष्टि, यूनवर्स आदि-आदि के नाम से सम्बोधित करते हैं।
- इसके आन्तरिक क्षेत्र और इसमें स्थित सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारों आदि के मध्य मात्र इतना सा अन्तर है कि इसका आन्तरिक क्षेत्र “मूल तत्व” के मूल रूप से निर्मित है, जबकि सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारे आदि “मूल तत्व” के, ब्रह्माण्ड के “मूल तापमान” में अस्थिरता आने के कारण, आपस में जुड़ने और जुड़ कर टुटने से निर्मित हैं।
- इसके आन्तरिक क्षेत्र और इसमें स्थित सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारों आदि के मध्य मात्र इतना सा अन्तर है कि इसका आन्तरिक क्षेत्र “मूल तत्व” के मूल रूप से निर्मित है, जबकि सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारे आदि “मूल तत्व” के, ब्रह्माण्ड के “मूल तापमान” में अस्थिरता आने के कारण, आपस में जुड़ने और जुड़ कर टुटने से निर्मित हैं।
- इसके आन्तरिक क्षेत्र और इसमें स्थित सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारों आदि के मध्य मात्र इतना सा अन्तर है कि इसका आन्तरिक क्षेत्र “मूल तत्व” के मूल रूप से निर्मित है, जबकि सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारे आदि “मूल तत्व” के, ब्रह्माण्ड के “मूल तापमान” में अस्थिरता आने के कारण, आपस में जुड़ने और जुड़ कर टुटने से निर्मित हैं।
- इसके आन्तरिक क्षेत्र और इसमें स्थित सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारों आदि के मध्य मात्र इतना सा अन्तर है कि इसका आन्तरिक क्षेत्र “मूल तत्व” के मूल रूप से निर्मित है, जबकि सम्पूर्ण ग्रह, उपग्रह् और तारे आदि “मूल तत्व” के, ब्रह्माण्ड के “मूल तापमान” में अस्थिरता आने के कारण, आपस में जुड़ने और जुड़ कर टुटने से निर्मित हैं।
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