उपधातुओं वाक्य
उच्चारण: [ upedhaatuon ]
उदाहरण वाक्य
- बाद में अनेक धातुओं और उपधातुओं के संयोग से कई यौगिकों का संश्लेषण किया गया।
- बाद में अनेक धातुओं और उपधातुओं के संयोग से कई यौगिकों का संश्लेषण किया गया।
- आयुर्वेद के अनुसार जो शरीर के धातुओं एंवम् उपधातुओं को मलिन करते हैं वे मल कहलाते हैं ।।
- उपधातुओं का कांसेप्ट आवर्त सारणी में एक विशेष स्थिति को प्रदर्शित करता है, जबकि अर्धचालकता तत्वों के अलावा मिश्रधातुओं में भी पायी जाती है।
- उपधातुओं का कांसेप्ट आवर्त सारणी में एक विशेष स्थिति को प्रदर्शित करता है, जबकि अर्धचालकता तत्वों के अलावा मिश्रधातुओं में भी पायी जाती है।
- आयुर्वेदिक सिद्धान्त के अनुसार प्रकृतिविरूद्ध आहार वात, पित्त, कफ, इन दोषों और रस, रक्त आदि धातुओं तथा स्वेद-मूत्रादि मलों एवं उपधातुओं तथा स्रोतस-विशेष को दूषित करते हैं।
- इन्हीं रसादि धातुओं से अनेक उपधातुओं की भी उत्पत्ति होती है, यथा रस से दूध, रक्त से कंडराएं (टेंडंस) और शिराएँ, मांस से वसा (फ़ैट), त्वचा और उसके छह या सात स्तर (परत), मेद से स्नायु (लिंगामेंट्स), अस्थि से दांत, मज्जा से केश और शुक्र से ओज नामक उपधातुओं की उत्पत्ति होती है।
- इन्हीं रसादि धातुओं से अनेक उपधातुओं की भी उत्पत्ति होती है, यथा रस से दूध, रक्त से कंडराएं (टेंडंस) और शिराएँ, मांस से वसा (फ़ैट), त्वचा और उसके छह या सात स्तर (परत), मेद से स्नायु (लिंगामेंट्स), अस्थि से दांत, मज्जा से केश और शुक्र से ओज नामक उपधातुओं की उत्पत्ति होती है।
- इन्हीं रसादि धातुओं से अनेक उपधातुओं की भी उत्पत्ति होती है, यथा रस से दूध, रक्त से कंडराएं (टेंडंस) और शिराएँ, मांस से वसा (फ़ैट), त्वचा और उसके छह या सात स्तर (परत), मेद से स्नायु (लिंगामेंट्स), अस्थि से दांत, मज्जा से केश और शुक्र से ओज नामक उपधातुओं की उत्पत्ति होती है।
- इन्हीं रसादि धातुओं से अनेक उपधातुओं की भी उत्पत्ति होती है, यथा रस से दूध, रक्त से कंडराएं (टेंडंस) और शिराएँ, मांस से वसा (फ़ैट), त्वचा और उसके छह या सात स्तर (परत), मेद से स्नायु (लिंगामेंट्स), अस्थि से दांत, मज्जा से केश और शुक्र से ओज नामक उपधातुओं की उत्पत्ति होती है।
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