ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका वाक्य
उच्चारण: [ rigavaadibhaaseybhumikaa ]
उदाहरण वाक्य
- (महर्षि दयानन्द कृत ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका से संक्षिप्त में उद्धृत)
- १ ५. ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका-स्वामी दयानंद सरस्वती
- संस्थापक और ग्रन्थ जैसे ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, सत्यार्थ प्रकाश, वेदों के
- ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका लिखे जाते समय तक सातवें मन्वन्तर के भी 120532976 वर्ष बीत चुके थे।
- जो विद्वान् प्रमाण देखना चाहे तो वेदादि अथवा मेरे बनाए ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों में देख लेवें ।
- वेदों के विषय में स्वामीजी का विश्वास उनके द्वारा रचित ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका तथा सत्यार्थप्रकाश में वर्णित है ।
- जो विद्वान् प्रमाण देखना चाहे तो वेदादि अथवा मेरे बनाए ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थों में देख लेवें ।
- -: ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, महर्षि दयानंद सरस्वती तर्क शास्त्र से किसी भी प्रकार से यह संभव ही नहीं हैं की मानव शरीर पहले पत्थर बन जाये और फिर चरण छूने से वापिस शरीर रूप में आ जाये।
- स्वामी जी ने बिना किसी प्रमाण के केवल यह कल्पना ही नहीं की बल्कि उन्होंने ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, अथ वेदोत्पत्तिविषयः, पृष्ठ 16 पर यह भी निश्चित कर दिया कि वेदों और जगत की उत्पत्ति को एक अरब छियानवे करोड़ आठ लाख बावन हज़ार नौ सौ छहत्तर वर्ष हो चुके हैं।
- वेद आचार्यो के बस कि बात नहीं | कोई भी सामान्य संस्कृत जानने वाला अगर वेद का अनुवाद करे तो बिना अर्थ कि बाते बनेगी | क्यों के उसके ज्ञान का स्तर इतना हैं हि नहीं | क्यों कि कुरान मांसाहार बढ़ाती हैं सिर्फ इसलिए आपलोगों को तकलीफ हो रही हैं के वेद कैसे मानवता कि बात कर रहे हैं | महर्षि दयानंद कृत ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका का अध्यान करिये द्वेष रहित होकर समझ आजाएगा | धन्यवाद
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