एलादि वाक्य
उच्चारण: [ aadi ]
उदाहरण वाक्य
- इस गोली का नाम ` एलादि वटी ` है।
- -उलटी हो तो आधी छोटी चम्मच एलादि चूर्ण पानी से।
- एलादि चूर्ण: उल्टी होना, हाथ, पांव और आंखों में जलन होना, अरुचि व मंदाग्नि में लाभदायक तथा प्यास नाशक है।
- एलादि चूर्ण: उल्टी होना, हाथ, पांव और आंखों में जलन होना, अरुचि व मंदाग्नि में लाभदायक तथा प्यास नाशक है।
- एलादि चूर्ण: उल्टी होना, हाथ, पांव और आंखों में जलन होना, अरुचि व मंदाग्नि में लाभदायक तथा प्यास नाशक है।
- एलादि वटी: सूखी खांसी, पुरानी खांसी, दमा, रक्त पित्त (मुंह से खून गिरना), वमन, स्वरभेद (गला बैठना), प्यास आदि में लाभकारी यह संग्राहक, वेदनाशामक तथा निद्राप्रदायक है।
- लघु गुण, कषाय रस, कटु विपाक, कफ-पित्तशामक, दुर्गंधनाशक, स्वेदापनयन, रक्तस्तम्भक आदि प्रधान कर्म वाला यह पुष्प-वृक्ष सुश्रुतोक्त एलादि गण, प्रियंग्वादिगण एवं अञ्जनादिगण आदि में उल्लिखित है ।
- वमन में एलादि चूर्ण व जहर मोहरा खताई पिष्टी मिलाकर दें. यदि दस्तसाफ न आता हो तो हर्र का मुरब्बा या गुलकन्द सत ईसबगोल आदि सौम्य रेचक दवायेंदें या मुनक्का व अञ्जीर दूध से दें.
- एलादि वटी: सूखी खांसी, पुरानी खांसी, दमा, रक्त पित्त (मुंह से खून गिरना), वमन, स्वरभेद (गला बैठना), प्यास आदि में लाभकारी यह संग्राहक, वेदनाशामक तथा निद्राप्रदायक है।
- उपरोक्त दवाओं के अतिरिक्त राज मृगा क, महामृगा क, हेमगर्भ पोटली रस वकांचनाभ्र रस, स्वर्ण भस्म व मोती भस्म व एलादि घृत, छागलाद्य घृत, बब्बूला-~ रिष्ट, पिप्पल्यासव, दशमूलारिष्ट, तालीशादि चूर्ण, अशोका-~ रिष्ट, क्षयकेशरी रस, यक्ष्मान्तक लोह आदि भी विशेष प्रभावकारी दवायें हैं.
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