ऐतरेयोपनिषद वाक्य
उच्चारण: [ aitereyopenised ]
उदाहरण वाक्य
- चार से षष्ठम आरण्यक तक ऐतरेयोपनिषद है।
- तृतीय अध्याय / प्रथम खंड / ऐतरेयोपनिषद / मृदुल कीर्ति
- प्रथम अध्याय / प्रथम खंड / ऐतरेयोपनिषद / मृदुल कीर्ति
- प्रथम अध्याय / द्वितीय खंड / ऐतरेयोपनिषद / मृदुल कीर्ति
- प्रथम अध्याय / तृतीय खंड / ऐतरेयोपनिषद / मृदुल कीर्ति
- ऐतरेयोपनिषद में स्पष्ट आता है-नारी हमारा पालन करती है, अतः उसकी पालन करना हमारा र्कत्तव्य है!
- ऐतरेयोपनिषद में स्पष्ट आता है-नारी हमारा पालन करती है, अतः उसकी पालन करना हमारा र्कत्तव्य है!
- हृदयाकाश 2. विशुद्ध आकाशरूप परमधाम (सत्यलोक, गो-लोक, ब्रह्मलोक) साकेत कैलाश.3. ब्रह्माण् ड. स्वप्न--1. स्थू ल. 2. सूक्ष् म. 3. कारणरूप परमात्मा-सृष्टि की रचना करनेवाला-जीव आत्मा:-सजीव पुरुष में परमात्मा ने प्रकट किया है-ऐतरेयोपनिषद.
- मैं अपने दिन की शुरुआत ऐतरेयोपनिषद के एक मन्त्र से करता हूँ जिसमे एक पंक्ति है कि मुझे मेरा पढ़ा हुआ या अर्जित ज्ञान न छोड़े, यानि मैं जब भी राह भटकने वाला रहूँ तो मेरा ज्ञान मेरा मार्गदर्शन करे! पर इस बड़े से मन्त्र का बस ये छोटा ही हिस्सा मेरे हक़ में साकार नहीं हो पाता!
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