कच्छपघात वाक्य
उच्चारण: [ kechechhepghaat ]
उदाहरण वाक्य
- ग्वालियर एवं नरवर के कछवाहा राजाओं के कुछ संस्कृत शिलालेखों में उन्हे कच्छपघात या कच्छपारि लिखा है।
- आठवीं से दसवीं शताब्दी में मध्ययुगीन प्रतिहारी कछवाहा (कच्छपघात) शासकों के शासन काल में ग्वालियर का स्वर्णिम युग था.
- 1. आन्हिलवाड़ के चालुक्य 2.जेजाकमुक्ति मे चन्देल 3.ग्वालियर के कच्छपघात 4.डाहल के चेदि 5.मालवा के परमार 6.दक्षिणी राजपूताना के गुहिल 7.शाकम्भरी के चौहान
- 1. आन्हिलवाड़ के चालुक्य 2.जेजाकमुक्ति मे चन्देल 3.ग्वालियर के कच्छपघात 4.डाहल के चेदि 5.मालवा के परमार 6.दक्षिणी राजपूताना के गुहिल 7.शाकम्भरी के चौहान
- ये तीनों जेजाकमुक्ति के चन्देल, डाहल और चेदि (बाद में कलचुरि) और ग्वालियर के कच्छपघात विभिन्न प्रकार से जनसमाज और संस्कृति को एक खास जीवन देते हैं।
- ये तीनों जेजाकमुक्ति के चन्देल, डाहल और चेदि (बाद में कलचुरि) और ग्वालियर के कच्छपघात विभिन्न प्रकार से जनसमाज और संस्कृति को एक खास जीवन देते हैं।
- आठवीं से दसवीं शताब्दी में मध्ययुगीन प्रतिहारी कछवाहा (कच्छपघात) शासकों के शासन काल के दौरान वैष्णव, शैव व जैन धर्मों को फलने-फूलने का मौका मिला।
- ये तीनों जेजाकमुक्ति के चन्देल, डाहल और चेदि (बाद में कलचुरि) और ग्वालियर के कच्छपघात विभिन्न प्रकार से जनसमाज और संस्कृति को एक खास जीवन देते हैं।
- ग्यारहवीं शताब्दी में एक मंदिर गोपाचलगढ़ के ऊपर निश्चित रूप से था, क्योंकि कच्छपघात मूलदेव (मुखनैक मल्ल) के राज्य में राज्याधिकारियों ने इस मंदिर में जैनियों का निर्बाध प्रवेश बंद कर दिया था।
- गोपमूधर, गुर्जर प्रतिहारों के समय के शिलालेख में गोपाद्रि गोपगिरि, कच्छपघात (1115 ई.) के समय के शिलालेख में गोपाचल, गोप क्षेत्र, गोप पर्वत तथा विक्रम संवत् 1161 के शिलालेख में ग्वालियर खेड़ा उद्धृत है।
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