कलन-विधि वाक्य
उच्चारण: [ keln-vidhi ]
उदाहरण वाक्य
- दोलायमान परिणामों के समायोजन के लिए कलन-विधि और प्रायोगिक तौर पर प्राप्त गुणांकों का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि जहां तक संभव हो परिश्रवण परिणामों से मेल खाने वाले पाठ्यांकन दे सकें.
- दोलायमान परिणामों के समायोजन के लिए कलन-विधि और प्रायोगिक तौर पर प्राप्त गुणांकों का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि जहां तक संभव हो परिश्रवण परिणामों से मेल खाने वाले पाठ्यांकन दे सकें.
- त्वरित ढंग से डिस्क्रीट फुरिअर रूपान्तर निकालने की विधि सबसे पहले कूली और टर्की ने सन १९६५ में प्रस्तुत की जिनके नाम पर इस विधि को कूली-टर्की कलन-विधि के नाम से जाना जाता है।
- त्वरित ढंग से डिस्क्रीट फुरिअर रूपान्तर निकालने की विधि सबसे पहले कूली और टर्की ने सन १९६५ में प्रस्तुत की जिनके नाम पर इस विधि को कूली-टर्की कलन-विधि के नाम से जाना जाता है।
- प्रतीकात्मक दृष्टिकोण भाषाई तथ्य के गहरे विश्लेषण का प्रदर्शन करते हैं और अच्छी तरह से समझने योग्य ज्ञान निरूपण योजनाओं और संबद्ध कलन-विधि के माध्यम से भाषा के बारे में तथ्यों के स्पष्ट निरूपण पर आधारित है।
- प्रतीकात्मक दृष्टिकोण प्रतीकात्मक दृष्टिकोण भाषाई तथ्य के गहरे विश्लेषण का प्रदर्शन करते हैं और अच्छी तरह से समझने योग्य ज्ञान निरूपण योजनाओं और संबद्ध कलन-विधि के माध्यम से भाषा के बारे में तथ्यों के स्पष्ट निरूपण पर आधारित है।
- जब रक्त-प्रवाह विद्यमान हो, पर वह सीमित हो, तब कलाई-बंद दाब, जिसकी जांच दाब संवेदक द्वारा होती है, बाहु धमनी के संकुचन और प्रसार चक्र के साथ आवधिक तौर पर परिवर्तित होता है, अर्थात्, डोलता है.प्रकुंचन और अनुशिथिलन दाबों के मानों का परिकलन किया जाता है, कलन-विधि के उपयोग द्वारा आंकडों से सीधे न मापते हुए; परिकलित परिणामों को दर्शाया जाता है.
- जब रक्त-प्रवाह विद्यमान हो, पर वह सीमित हो, तब कलाई-बंद दाब, जिसकी जांच दाब संवेदक द्वारा होती है, बाहु धमनी के संकुचन और प्रसार चक्र के साथ आवधिक तौर पर परिवर्तित होता है, अर्थात्, डोलता है.प्रकुंचन और अनुशिथिलन दाबों के मानों का परिकलन किया जाता है, कलन-विधि के उपयोग द्वारा आंकडों से सीधे न मापते हुए; परिकलित परिणामों को दर्शाया जाता है.
- -कर्नल 2. 6.10-गील्बसी 2.3.4 और जीसीसी 3.4.3-नया केडीई 3.3.2-गनोम 2.8.1, साथ-साथ जीटीके 2.6.1-संसाधन विधि में अनेक नये लक्षणों को शामिल किया गया है, जिसमें से एक है, एक नई तथा और-अधिक क्षमतावान पैकेज-संसाधन अल्गोरिदम (कलन-विधि) व संसाधन-समापन के पूर्व सभी पैकेजों को हार्डडिस्क पर कापी करने की क्षमता ।
- अरविंद जोशी द्वारा विकसित टैग (Tree-Adjoing Grammar) नामक कलन-विधि (algorithm) की सहायता से वर्ष 1996 में अमरीका के पेन्सिल्वानिया विश्वविद्यालय में एक ऐसा पदनिरूपक (Parser) विकसित करने का प्रयास किया गया था, जिसकी सहायता से न केवल असंगत हिंदी वाक्यों को प्रजनित होने से रोका जा सकता है, बल्कि एक ऐसा शब्दवृत्त भी तैयार किया जा सकता है, जिसमें इन सभी लक्षणों का समावेश हो.
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