कानडी वाक्य
उच्चारण: [ kaanedi ]
उदाहरण वाक्य
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- शक होने पर उसे कानडी खडन्जा मार्ग पर पकड लिया।
- तहसील कानडी, पिथौरागढ (सदर) तहसील कानडी, पिथौरागढ (सदर) तहसील कानडी, पिथौरागढ (सदर) तहसील
- तथा नक्शा नजरी प्रदर्श-क-18 में भी जहॉ पर अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया था वह स्थान कानडी जाने के लिए खडन्जा है उसके दक्षिण व उत्तर में साल का जंगल है तथा जहॉ पर पुलिस पार्टी की गाडी खडी थी उसके उत्तर दक्षिण में साल का जंगल है उसके आस पास कोई आवादी नहीं है इसलिए इस सम्बन्ध में भी अभियोजन साक्षीगण के बयानों मं कोई विरोधाभाष नहीं है।
- अभियुक्त के विरूद्व यह आरोप है कि दिनांक 5-7-2007 को समय 12-30 बजे स्थान कानडी से वनाडा जाने वाले खडन्जा पैदल मार्ग वहद ग्राम वनाडा अन्तर्गत थाना झूलाघाट जिला पिथौरागढ में पुलिस द्वारा उसके कब्जे से एक मैने विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) एवं अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का परिशीलन किलो ग्राम नाजायज चरस बरामद किया जिसको रखने का उसके पास कोई अनुज्ञापत्र नहीं था।
- को थानाध्यक्ष ए0एल0साह मय हमराही कानिस्टेबल मय सरकारी वाहन यू0ए0डी-8बी-9616 स्पेसियो के थाने से वहवाले रपट नम्बर-17 समय 11-15 बजे वास्ते देखरेख शान्ति व्यवस्था में मामूर थे औेर जब स्थान बनाडा वैण्ड पर वाहनों की चैकिग कर रहे थे तो समय करीब 11-45 बजे एक व्यक्ति कानडी से बनाडा पैदल खण्डन्जा मार्ग से पैदल बनाडा की ओर जा रहा था, पुलिस वालों को नजदीक से अचानक देख कर सकपकाया पीछे मुड कर तेज कदमों से उसी पैदल मार्ग से जाने लगा।
- विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को का खण्डन किया गया एवं तर्क दिया गया कि इस प्रकरण में फर्द गिरफ्तारी व जामा तलाशी प्रदर्श-क-1 के अनुसार पुलिस पार्टी वनाडा वैण्ड पर वाहनों की चैकिग कर रही थी तथा समय करीब 11-45 बजे एक व्यक्ति कानडी से बनाडा पैदल खडन्जा मार्ग से पैदल बनाडा की ओर जा रहा था पुलिसवालों को नजदीक से अचानक देखकर सकपकाया पीछे मुड कर तेज कदमों से उसी पैदल मार्ग से जाने लगा।
- एक बार वे अपने ऑफिस के कार्य से जिला बेलगांव के पास बड़गांव गये | कार्य से निपटकर वे उसी गांव में कानडी संत अप्पा जी के दर्शन कर उनकी चरण-वंदना की | उस समय वे महात्मा निश्चलदास रचित ' विचार सागर ' ग्रंथ का अर्थ अपने भक्तों के समक्ष कर रहे थे | यह वेदांत से संबंधित ग्रंथ है | कुछ देर बैठने के बाद जब उन्होंने जाने के लिए महात्मा जी से अनुमति मांगी तो उन महात्मा ने उन्हें अपना ग्रंथ देते हुए कहा-” तुम इस ग्रंथ का अध्ययन करो |
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