केवलान्वयी वाक्य
उच्चारण: [ kevelaanevyi ]
उदाहरण वाक्य
- वृत्तिमान् अत्यन्ताभाव का जो प्रतियोगी नहीं है वह केवलान्वयी कहलाता है।
- केवलान्वयी सद्धेतु के लिए “विपक्षसात्व” से अतिरिक्त चार रूपों से ही संपन्न होना अपेक्षित होता है।
- केवलान्वयी सद्धेतु के लिए “विपक्षसात्व” से अतिरिक्त चार रूपों से ही संपन्न होना अपेक्षित होता है।
- नव्य नैयायिकों ने अन्य प्रकार से इसके तीन प्रकार बताये हैं-केवलान्वयी, केवल-व्यतिरेकी तथा अन्वयव्यतिरेकी।
- 2. केवलान्वयी हेतु सर्वदा साध्य के साथ रहता है-उनका अभाव संभव नहीं है; जैसे ज्ञेय और प्रमेय।
- केवलान्वयी-जो सभी वस्तुओं में विद्यमान हो, जिसका अभाव कहीं उपलब्ध नहीं होता हो, वह केवलान्वयी है।
- केवलान्वयी-जो सभी वस्तुओं में विद्यमान हो, जिसका अभाव कहीं उपलब्ध नहीं होता हो, वह केवलान्वयी है।
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