गंगेशोपाध्याय वाक्य
उच्चारण: [ ganegaeshopaadheyaay ]
उदाहरण वाक्य
- इसीलिए गंगेशोपाध्याय ने तत्वचिंतामणि (अनुमान खंड) के अवयवप्रकरण में स्पष्ट कहा है-
- विशेषकर गंगेशोपाध्याय की ' तत्वचिंतामणि ' का अध्ययन मिथिला के अलावा अन्यत्र असंभव था।
- नव्यन्याय की परम्परा में गंगेशोपाध्याय के बाद रघुनाथ शिरोमणि का ही स्थान माना जाता है।
- प्राचीन पदार्थ व्यवस्था की, जिसको गंगेशोपाध्याय ने भी स्वीकार किया था, मान्यता बनी रही।
- उदयनाचार्य तथा उनके अनुयायी “हेतु” को और गंगेशोपाध्याय तथा उनके अनुयायी व्याप्तिज्ञान को अनुमान कहते हैं।
- उदयनाचार्य तथा उनके अनुयायी “हेतु” को और गंगेशोपाध्याय तथा उनके अनुयायी व्याप्तिज्ञान को अनुमान कहते हैं।
- दूसरी प्रणाली को ' प्रमाणमीमांसात्मक ' कहते हैं, जिसे गंगेशोपाध्याय ने ' तत्त्वचिन्तामणि ' में प्रवर्तित किया।
- इन भेदों का आधार रघुनाथ शिरोमणि ने साध्य को, उदयानाचार्य ने व्याप्तिग्राहक सहचार को और गंगेशोपाध्याय ने व्याप्ति को माना है।
- इन भेदों का आधार रघुनाथ शिरोमणि ने साध्य को, उदयानाचार्य ने व्याप्तिग्राहक सहचार को और गंगेशोपाध्याय ने व्याप्ति को माना है।
- गौतम से गंगेशोपाध्याय के पूर्व तक के विद्वानों की रचनाओं के विचार प्रमेयप्रधान हैं और गंगेशोपाध्याय की तत्त्वचिंतामणि तथा उसपर आधारित परवर्ती विद्वानों की रचनाओं के विचार प्रमाणप्रधान हैं।
अधिक: आगे