गाथासप्तशती वाक्य
उच्चारण: [ gaaathaaseptesheti ]
उदाहरण वाक्य
- गाथासप्तशती प्राकृत भाषा में गीतिसाहित्य की अनमोल निधि है।
- सतसई रचना की परंपरा “हाल” की गाथासप्तशती से आरंभ हुई।
- गाथासप्तशती का उल्लेख बाणभट्ट ने हर्षचरित में इस प्रकार किया है:
- गाथासप्तशती (7/9) में गोट्ठं का प्रयोग इस संदर्भ में स्मरणीय हैं।
- ये दोनों नाम गाथासप्तशती व गाथाओं के कर्ताओं में भी पाए जाते हैं।
- क्या बिना अग्नि के धुएं की शिखा कभी दिखाई देती है? ~ गाथासप्तशती
- अत: आर्यासप्शती गाथासप्तशती से स्थूलरूप में प्रभावित होते हुए भी अपने आपमें मैलिक है।
- परंतु इससे यह नहीं समझना चाहिए कि आर्यासप्तशती, गाथासप्तशती का संस्कृत अनुवाद मात्र है।
- उसे प्राकृत ग्रंथ ' हरिविजय ' एवं ' गाथासप्तशती ' के कुछ अंशों का लेखक माना जाता है।
- गाथासप्तशती की प्रत्येक गाथा अपने रूप में परिपूर्ण है और किसी मानवीय भावना, व्यवहार या प्राकृतिक दृश्य का अत्यंत सरसता और सौंदर्य से चित्रण करती है।
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