ग्रहलाघव वाक्य
उच्चारण: [ garhelaaghev ]
उदाहरण वाक्य
- तेलुगु में ग्रहलाघव पद्धति चलती है और चान्द्रगणना स्वीकार की जाती है।
- वर्तमान काल में अधिकांश पंचांग सूर्यसिद्धांत, मकरंद सारणियों तथा ग्रहलाघव की विधि से प्रस्तुत किए जाते हैं।
- घर में रखे ग्रहलाघव को ज्यादा न समझ आते हुए भी कई बार पढ़ डाला था.
- वर्तमान काल में अधिकांश पंचांग सूर्यसिद्धांत, मकरंद सारणियों तथा ग्रहलाघव की विधि से प्रस्तुत किए जाते हैं।
- इसका विधिवत उल्लेख वाराह पुराण, भावप्रकाश, ग्रहलाघव, आयुर्भाव एवं भेददृष्टि में किया गया है.
- वर्तमान काल में अधिकांश पंचांग सूर्यसिद्धांत, मकरंद सारणियों तथा ग्रहलाघव की विधि से प्रस्तुत किए जाते हैं।
- अन्य सिद्धांतों में हाह्मस्फुट सिद्धांत, वराहमिहिर की पंचसिद्धान्तिका, आर्यभटीय, ग्रहलाघव, केतकर का केतकी ग्रहगणित एवं तिलक का रैवतपक्षीय गणना आदि सभी ने उज्जयिनी मध्यमोदय को गणना का आधार स्वीकार किया है।
- इसके बाद लिखे गए सिद्धांतग्रंथों में मुख्य हैं: ब्रह्मगुप्त (शक संo 520) का ब्रह्मसिद्धांत, लल्ल (शक संo 560) का शिष्यधीवृद्धिद, श्रीपति (शक संo 961) का सिद्धांतशेखर, भास्कराचार्य (शक संo 1036) का सिद्धांत शिरोमणि, गणेश (1420 शक संo) का ग्रहलाघव तथा कमलाकर भट्ट (शक संo 1530) का सिद्धांत-तत्व-विवेक।
- इसके बाद लिखे गए सिद्धांतग्रंथों में मुख्य हैं: ब्रह्मगुप्त (शक संo 520) का ब्रह्मसिद्धांत, लल्ल (शक संo 560) का शिष्यधीवृद्धिद, श्रीपति (शक संo 961) का सिद्धांतशेखर, भास्कराचार्य (शक संo 1036) का सिद्धांत शिरोमणि, गणेश (1420 शक संo) का ग्रहलाघव तथा कमलाकर भट्ट (शक संo 1530) का सिद्धांत-तत्व-विवेक।
- ज्योतिष विद्या की महान खोज, आकाशस्थ ग्रह नक्षत्रों की गति विधियों और उनका मनुष्य जाति पर जो प्रभाव पड़ता है उसकी खोज करने वाले वे ऋषि ही थे सूर्य सिद्धान्त, मकरन्द, ग्रहलाघव, आदि को देखने से आश्चर्य होता है कि उस समय बिना वैज्ञानिक यन्त्रों के इस प्रकार की शोध करके संसार को महान ज्ञान देने के लिये उन्हें कितना श्रम करना पडा़ होगा।
अधिक: आगे