छांदोग्योपनिषद वाक्य
उच्चारण: [ chhaanedogayopenised ]
उदाहरण वाक्य
- अज्ञात (पूना के भंडारकर संस्था में सुरक्षित)-छांदोग्योपनिषद
- छांदोग्योपनिषद में अंकित बृहस्पति की कथा इन्द्रियों की नश्वरता को उजागर करती हे।
- छांदोग्योपनिषद में विश्व पुरुष के रूप में ब्रह्म को आत्मा में व्याप्त माना है।
- छांदोग्योपनिषद के ई पू 500 से 1000 वर्ष से अधिक प्राचीन होने के प्रमाण नहीं मिलते ।
- देवकीपुत्र श्रीकृष्ण की चर्चा छांदोग्योपनिषद में मिलती है, जहां उन्हें घोर आंगिरस का शिष्य बताया गया है।
- छांदोग्योपनिषद में ' एकमेवाद्वितीयम् ' (6 । 2 । 1) में ब्रह्म को एक कहा भी है।
- छांदोग्योपनिषद के पाँचवें अध् याय के तीन से लेकर दस तक के आठ खंडों में भी यह वर्णन पूरा-पूरा पाया जाता है।
- साथ ही छांदोग्योपनिषद में ही नक्षत्र विद्या आदि कितनी ही विद्याएँ (Science) गिनाई हैं, जिनका नाम भी हम नहीं जानते।
- छांदोग्योपनिषद में रैक्व को मनाने के लिए राजा जानश्रुति सबसे प्रिय वस्तु के रूप में अपनी पुत्री उन्हें दान कर देते हैं.
- ”-डा प्रभुदयाल मीतल डा मीतल ने किस आधार पर छांदोग्योपनिषद को 5000 वर्ष प्राचीन बताया है यह कहीं उल्लेख नहीं है ।
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