जी.डी.पी. वाक्य
उच्चारण: [ ji.di.pi. ]
उदाहरण वाक्य
- जबकि, अर्थव्यवस्था 2004-05 से 2006-07 की अवधि के दौरान 8.6 प्रतिशत जी.डी.पी. की वृद्धि दर प्राप्त कर चुकी है।
- नतीजा (आप निराशावादी कहेंगे) सिफार!! भ्रष्टाचार का मुद्दा बड़ा सामयिक है और एक आंकड़े के अनुसार हमारे जी.डी.पी. के ५०% की राशि तक पहुँच गई है यह राशि..
- ऐसे में प्रश् उठता है-विकास किसके लिए?-औद्योगिक घरानों और जी.डी.पी. दर की बढ़ोतरी मात्र के लिए अथवा आम जनता की बहुमुखी समृध्दि के लिए।
- अब समय आ चुका है कि हमें स्वयं को विकसित देश के रूप में देखना होगा. जी.डी.पी. की दृष्टि से हम विश्व के प्रथम पाँच राष्ट्रों में से हैं.
- अब समय आ चुका है कि हमें स्वयं को विकसित देश के रूप में देखना होगा. जी.डी.पी. की दृष्टि से हम विश्व के प्रथम पाँच राष्ट्रों में से हैं.
- आज की दुनिया में यह खबर अब चौंकाने वाली नहीं है कि आई. टी. साम्राज्य के शहंशाह बिल गेट्स की कमाई दुनिया के 140 देशों के जी.डी.पी. (सकल घरेलू उत्पाद) से अधिक है।
- मसलन, जिस सेवा क्षेत्र का आज हमारी जी.डी.पी. में ५० प्रतिशत हिस्सा है और वह हमारी दैनिक जरूरतों का भी एक अहम् भाग बन गया है, उसका प्रतिनिधित्व इस नए कलेवर में भी नहीं है।
- उदाहरण के लिए, 8 या 9 प्रतिशत जी.डी.पी. (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट) वृध्दि जैसे अमूर्त शब्द महत्त्वपूर्ण हैं, लेकिन इनका मुझ पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता, न ही लाखों आम भारतीय के लिए ये शब्द मायने रखते हैं।
- स्विस एवं विदेशी बैंकों में जमा भारतीय धन, मन्दिरों व ट्रस्टों में जमा धन-रूपये, लोगों के घरों में पड़े करेंसी नोट आदि सम्पत्ति को जोड़ दें तो यह कुल भारतीय जी.डी.पी. के आंकड़े को भी पार कर लेगा।
- जरा भ्रष्टाचार को सरकार की आचार संहिता से निकाल के तो देखो, कंक्रीट पर टिका रियल एस्टेट कैसे गिरेगा, माईनिंग कैसे थम जायेगा, मैनुफक्चारिंग कैसे कमजोर हो जाएगा, सर्विसेज सेक्टर कैसे शिथिल हो जाएगी….! भ्रष्टाचार सरकारी आचार संहिता मूल आधार है, बढ़ते जी.डी.पी. का राज है.
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