जैनेंद्रकुमार वाक्य
उच्चारण: [ jainenedrekumaar ]
उदाहरण वाक्य
- श्रीवास्तव, श्री जैनेंद्रकुमार ऐसे सामाजिक उपन्यासकार तथा बाबू
- मनोवैज्ञानिक उपन्यास जैनेंद्रकुमार से शुरू हुए।
- तथा श्री जैनेंद्रकुमार की ' अपना अपना भाग्य' नाम की कहानी।
- प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में जैनेंद्रकुमार (२ जनवरी, १९०५-२४ दिसंबर, १९८८) का विशिष्ट स्थान है।
- मुंशी, सुमित्रानंदन पंत, राहुल सांकृत्यायन, जैनेंद्रकुमार, बालकृष्ण शर्मा नवीन, हजारीलाल द्विवेदी, डा.
- प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में जैनेंद्रकुमार (२ जनवरी, १ ९ ० ५-२ ४ दिसंबर, १ ९ ८८) का विशिष्ट स्थान है।
- 4. देश की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था से पीड़ित जनसमुदाय की दुर्दशा सामने लानेवाली, जैसे, श्री भगवतीप्रसाद वाजपेयी की ' निंदिया लागी ', ' हृदयगति ' तथा श्री जैनेंद्रकुमार की ' अपना अपना भाग्य ' नाम की कहानी।
- मोरिशस मेँ हिंदी की स्थिति पर चिंतन करने वाले डाक्टर शिवसागर रामगुलाम के मार्ग-दर्शन एवं नेतृत्व मेँ भारत से कई साहित्यकार जैसे रामधारीसिँह दिनकर, यशपाल जैन, जैनेंद्रकुमार तथा कमलेश्वर एवं धर्मवीर भारती आदि ने मोरिशस के साहित्यकारों को प्रोत्साहित भी किया।
- नूतन विकास लेकर आने वाले प्रेमचंदजी जो कर गए वह तो हमारे साहित्य की एक निधि ही है, उनके अतिरिक्त पं. विश्वंभरनाथ कौशिक, बाबू प्रतापनारायण श्रीवास्तव, श्री जैनेंद्रकुमार ऐसे सामाजिक उपन्यासकार तथा बाबू वृंदावनलाल वर्मा ऐसे ऐतिहासिक उपन्यासकार उपन्यासभंडार की बहुत सुंदर पूर्ति करते जा रहे हैं।
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