तत्त्वचिन्तामणि वाक्य
उच्चारण: [ tettevchinetaameni ]
उदाहरण वाक्य
- अत: न्यायलीलावती और तत्त्वचिन्तामणि में पूर्वापरता दिखाई देती है।
- गंगेश की तत्त्वचिन्तामणि में हेतुद्वय का खण्डन किया गया है।
- दूसरी प्रणाली को ' प्रमाणमीमांसात्मक ' कहते हैं, जिसे गंगेशोपाध्याय ने ' तत्त्वचिन्तामणि ' में प्रवर्तित किया।
- तत्त्वचिन्तामणि की असिद्धि भाग की दीक्षिति के अन्त में अघुनाथ शिरोमणि ने भी कहा है कि चकार से अन्य निग्रहस्थान भी अभिप्रेत [89] है।
- रामतर्कालंकार के पुत्र श्री रघुनाथ शिरोमणि के शिष्य और तत्त्वचिन्तामणि के व्याख्याकार, मथुरानाथ तर्कवागीश द्वारा (1600 ई.) भी रहस्याख्या किरणावली व्याख्या की रचना की गई है।
- प्रस्तुत है शिक्षाप्रद ग्यारह कहानियाँ....आगेशीघ्र कल्याण के सोपान जयदयाल गोयन्दका पृष्ठ 218 मूल्य $ 2.95प्रस्तुत है शीघ्र कल्याण के सोपान...आगेश्रद्धा विश्वास और प्रेम जयदयाल गोयन्दका पृष्ठ 220 मूल्य $ 4.95प्रस्तुत है तत्त्वचिन्तामणि का 5
- न्याय दर्शन से सम्बद्ध ' उद्योतकर ' का ' न्यायवार्तिक ', ' वाचस्पति मिश्र ' की ' तात्पर्यटीका ', ' जयन्तभट्ट ' की ' न्यायमञ्जरी ', ' उदयनाचार्य ' की ' न्याय-कुसुमाज्जलि ', ' गंगेश उपाध्याय ' की ' तत्त्वचिन्तामणि ' आदि ग्रन्थ अत्यन्त प्रशस्त एवं लोकप्रिय हैं।
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