तृत्सु वाक्य
उच्चारण: [ teritesu ]
उदाहरण वाक्य
- वे ऋग्वेद की मुख्य ऋचाओं के कर्ता भी थे तथा पुरु और तृत्सु जाति के युद्ध में एक-दूसरे के सामने कभी-कभी भाग लेते थे।
- यह वह समय था जब सरस्वती और हषद्वती नदियों के बीच फैले आर्यावर्त में युद्ध और पुरु, भरत और तृत्सु, तर्वसु और अनु, द्रह्यू और जन्हू तथा भृगु जैसी आर्य जातियाँ निवसित थीं जहाँ वशिष्ठ, जमदग्नि, अंगिरा, गौतम और कण्डव आदि महापुरुषों के आश्रमों से गुंजरित दिव्य ऋचाएँ आर्यधर्म का संस्कार-संस्थापन कर रही थीं।
- आर्यों की पवित्र भूमि में जहाँ यदु और पुरु, भरत और तृत्सु, तुर्वसु, अनु और द्रुह्यू जह्न और भृगु जातियाँ निवास कर रही थीं, वहीं आर्य-संस्कार और धर्म के संस्थापक महर्षि वसिष्ठ और विश्वामित्र, जमदग्नि और अंगिरा, गौतम और कण्व के आश्रमों से निकलती दिव्य ऋचाओं की ध्वनि आर्यों की उत्कृष्ट आत्मा को शब्दों में व्यक्त कर रही थी।