त्रिष्टुप वाक्य
उच्चारण: [ terisetup ]
उदाहरण वाक्य
- त्रिष्टुप छंद के प्रत्येक चरण में ग्यारह अक्षर होते हैं।
- विनियोग मंत्रा: ¬ अस्य श्री बगलामुखी महामंत्रस्य नारद ऋषिः त्रिष्टुप छन्दः।
- मानव सृष्टि त्रिष्टुप या तिब्बत में आरंभ होकर अनेक देशों में फैल गई।
- ऋषि नारायण, देवता पुरूष, छंद 1 से 15 अनुष्टुप, 16 त्रिष्टुप
- तब संग्राम भूमि में ही मरूतों ने त्रिष्टुप छंद में इंद्र की स्तुति की ।
- तब संग्राम भूमि में ही मरूतों ने त्रिष्टुप छंद में इंद्र की स्तुति की ।
- इसके बाद ही त्रिष्टुप, गायत्री तथा अन्य सब छंद यम देव से संबद्ध होते बताये गये हैं।
- सात छन्द इसके घोड़े हैं: गायत्री, वृहति, उष्णिक, जगती, त्रिष्टुप, अनुष्टुप और पंक्ति।
- ऋग्वेद के कवियों ने त्रिष्टुप आदि छंदों का निर्माण नहीं किया, वे उन्हें भारतीय काव्य-परंपरा से प्राप्त हुए थे।
- प्रथम तीन ऋचाओं का अनुष्टुप, चतुर्थ ऋचा का वहती, पंचम व षष्ठ ऋचा का त्रिष्टुप एवं सातवीं से चैदहवीं ऋचा का अनुष्टुप् छंद है।
अधिक: आगे