धातुवाद वाक्य
उच्चारण: [ dhaatuvaad ]
उदाहरण वाक्य
- यही समय आयुर्वेद में रसचिकित्सा, धातुवाद का है।
- यही समय आयुर्वेद में रसचिकित्सा, धातुवाद का है।
- देता है धातुवाद में सफलता भी.
- मैं धातुवाद के लिए यहाँ कुछ बातें बताना चाहूँगा की...
- क्या, आप जानते हैं धातुवाद का क्या महत्त्व है एक रस साधक के लिए??????
- पर धातुवाद की ये क्रियाएँ इतनी सहज नहीं है. इसके लिए न जाने कितनी तैयारियां की जाती हैं.
- मैं ध्यान पूर्वक महानुभाव की बातें सुनने लगा. धातुवाद का महत्त्व मेरे लिए गौण ही था परन्तु ये भी रस तंत्र का एक अद्भुत भाग है और है भी बहुत आकर्षक.
- ह्म्म्म.... धातुवाद या लोह सिद्धि रस तंत्र की एक अद्भुत क्रिया है जिसके द्वारा निकृष्ट धातुओं जैसे की लोहा, रांगा,सीसा, जस्ता,ताम्बा, पीतल, आदि को रजत या स्वर्ण में पूर्णरूपेण परिवर्तित किया जाता है.
- पारद के चंचल स्थिति को पूर्णता से बांधने के क्रिया को अष्टदश संस्कार संपन्न कहेते है, पारद के कुल सोलह संस्कार संपन्न किए जाते है, जिनमे आठ संस्कार रोगो का मुक्ति, औषधि-निर्माण, रसायन, धातुवाद, और अमृत-कुम्भ भेदन साधना के लिये आवश्यक है, आगे के अष्ट संस्कार शून्य सिद्धि, खेचरी-सिद्धि, धातु-परिवर्तन, सिद्ध-सूत और स्वर्ण-निर्माण के कार्य मे उपयुक्त होते है ।
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