धैर्ययुक्त वाक्य
उच्चारण: [ dhaireyyuket ]
"धैर्ययुक्त" अंग्रेज़ी में
उदाहरण वाक्य
- विपत्ति में धैर्ययुक्त तथा सम्पत्ति में सरल व्यवहार युक्त रहता हूँ।
- परिभाषाहीन बहुत कुछ तुम्हारे आसपास घाट रहा है, तुम इस घटने में शरीक भी हो, चुप और धैर्ययुक्त ।
- रिश्तेदारों से जानकारी परिवार के बारे में आपके ज्ञान को बढ़ा सकती है, लेकिन एक धैर्ययुक्त और व्यवहारकुशल दृष्टिकोण की आवश्यकता है.
- समाज की इस स्थिति को देखकर ही स्वातंत्र्यवीर सावरकर जी ने अपने जन्मजात धैर्ययुक्त स्वभाव से इसविषय की तर्कशुद्ध चर्चा की और वैदिक तत्वज्ञान को प्रकाशित किया।
- भावार्थ: क्रम-क्रम से अभ्यास करता हुआ उपरति को प्राप्त हो तथा धैर्ययुक्त बुद्धि द्वारा मन को परमात्मा में स्थित करके परमात्मा के सिवा और कुछ भी
- क्रम-क्रम से अभ्यास करता हुआ उपरति को प्राप्त हो तथा धैर्ययुक्त बुद्धि द्वारा मन को परमात्मा में स्थित करके परमात्मा के सिवा और कुछ भी चिन्तन न करे॥ 25 ॥ यतो यतो निश्चरति मनश्चञ्चलमस्थिरम् ।
- बैठक में एक आरामकुर्सी पर स्वच्छ शुभ्र धवल कुर्ते-पाजामे में वह मुलाकातियों से घिरा बैठा रहता था और उसकी धैर्ययुक्त स्निग्ध मुस्कान देखकर कोई यह अंदाज नहीं लगा सकता था कि उसके ऊपर तीन बैंक डकैतियों, दर्जनों हत्याओं, पचासों लूटपाट के मुकदमे चल चुके हैं और अभी आठ-दस साल पहले वह कुत्तों की तरह पुलिस से भागता फिरता था।
- इसका मतलब हुआ कि “तुझे यह हरेला मिले, जीते रहो,जागरूक रहो,तुम्हारी सियार के समान तेज बुद्धि हो,सूर्य के समान त्राण हो,तुम आकाश के समान ऊंचाइयां छुओ, पृथ्वी के समान धैर्ययुक्त बनो, दूर्वा के तृणों के समान पनपो,जब तक हिमालय में हिम रहे गंगा नदी में पानी रहे तब तक जियो,इतने दीर्घायु हो कि तुम्हें भात भी पीस कर खाना पड़े (दांत टूट जाने पार)
- इसका मतलब हुआ कि “तुझे यह हरेला मिले, जीते रहो,जागरूक रहो,तुम्हारी सियार के समान तेज बुद्धि हो,सूर्य के समान त्राण हो,तुम आकाश के समान ऊंचाइयां छुओ, पृथ्वी के समान धैर्ययुक्त बनो, दूर्वा के तृणों के समान पनपो,जब तक हिमालय में हिम रहे गंगा नदी में पानी रहे तब तक जियो,इतने दीर्घायु हो कि तुम्हें भात भी पीस कर खाना पड़े (दांत टूट जाने पार)
- -६ / २ ४, ६ / २ ५ भावार्थ-अब इन दो श्लोकों का भावार्थ समझें-संकल्प से उत्पन्न सभी कामनाओं का सभी रूप में त्याग करके और मन के द्वारा इंद्रियों के संपूर्ण समूह का भलीभाँति नियमन करके (साधक) धैर्ययुक्त बुद्धि के साथ मन को परमात्मा में स्थित करके शनैः शनैः उपरति को प्राप्त हो, तत्पश्चात् वह परमात्मा के सिवा और कुछ भी चिंतन न करे।
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