न्यायकुसुमांजलि वाक्य
उच्चारण: [ neyaayekusumaanejli ]
उदाहरण वाक्य
- इन्हीं में एक का नाम न्यायकुसुमांजलि है।
- उन्होने नास्तिकता के विरोध में ईश्वरसिद्धि के लिए आज से हजारों वर्ष पूर्व न्यायकुसुमांजलि नामक
- वही प्रकरण ग्रन्थ है न्यायकुसुमांजलि, जिसकी व्याख्या एवं उपव्याख्याएँ इस वर्तमान शताब्दी में भी लिखी जा रही हैं।
- उन्होने नास्तिकता के विरोध में ईश्वरसिद्धि के लिए आज से हजारों वर्ष पूर्व न्यायकुसुमांजलि नामक एक अत्यन्त पाण्डित्यपूर्ण ग्रन्थ लिखा।
- ईश्वरसिद्धि के लिए दी हुई युक्तियों के बावजूद उदयनाचार्य ने न्यायकुसुमांजलि में अन्य विषयों की भी प्रसंगानुसार चर्चा की है।
- उन्होने नास्तिकता के विरोध में ईश्वरसिद्धि के लिए आज से हजारों वर्ष पूर्व न्यायकुसुमांजलि नामक एक अत्यन्त पाण्डित्यपूर्ण ग्रन्थ लिखा।
- लेकिन उसी उदयनाचार्य ने न्यायकुसुमांजलि तथा अन्य ग्रंथों में उपमान तथा शब्द का स्वतंत्र प्रमाण के रूप में स्थान स्वीकृत किया है और न्याय की भूमिका अपना ली है।
- ' न्यायकुसुमांजलि ' के पंचम स्तवक में कार्य, आयोजन, धृत, पद, प्रत्यय, श्रुति, वाक्य और संख्याविशेष रूप आठ ईश्वर साधक हेतुओं का उल्लेख हुआ है-
- इसीलिए प्रौढ़ नैयायिक उदयनाचार्य ने ईश्वर-सिद्धि के ही लिए बनाए अपने ग्रंथ ' न्यायकुसुमांजलि ' को पूरा करके उपसंहार में यही लिखा है कि वे साफ ही सच्चे और ईमानदार नास्तिकों के लिए ही वही स्थान चाहते हैं जो सच्चे आस्तिकों को मिले।
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