पाण्डुलिपियो वाक्य
उच्चारण: [ paanedulipiyo ]
उदाहरण वाक्य
- संस्थान संस्कृत पाण्डुलिपियो का संग्रह तथा संरक्षण करता है।
- तुलसी शोध संस्थान में 6 हजार भक्तिमार्गी पुस्तके एवं 531 दुर्लभ पाण्डुलिपियो का संग्रह है, जो शोधार्थी एवं साहित्य जगत के लिये उपयोगी साबित होगें।
- सुत जी और ऋषि मुनियो की इस वार्ता के रुप मे कही गयी “ महाभारत ” का लेखन कला के विकसित होने पर सर्वप्रथम् ब्राह्मी या संस्कृत मे हस्तलिखित पाण्डुलिपियो के रुप मे लिपी बद्ध किया जाना | सम्भावित रचना काल-(१ २ ००-६ ०० इसवी ईसा पूर्व)
- मानी जाती है| इसमे संख्याओं के लिये संस्कृत के शब्दो का प्रयोग किया गया था| कुछ अन्य प्राचीन भारतीय पाण्डुलिपियों मे शून्य के लिये बिन्दु के प्रयोग के भी प्रमाण मिले है, परन्तु उन्ही पाण्डुलिपियो मे अज्ञात के लिये भी बिन्दु का प्रयोग किया गया है| आर्यभट्ट वह प्रथम गणितज्ञ थे जिन्होने शून्य का गणित मे व्यापक प्रयोग किया| लगभग 498
- इसके बाद भी कई विद्वानो द्वारा इसमें बदलती हुई रीतियो के अनुसार बदलाव किया गया, जिसके कारण उपलब्ध प्राचीन हस्तलिखित पाण्डुलिपियो में कई भिन्न भिन्न श्लोक मिलते हैं, इस समस्या के निदान के लिये पुणे में स्थित भांडारकर प्राच्य शोध संस्थान ने पूरे दक्षिण एशिया में उपलब्ध महाभारत की सभी पाण्डुलिपियों (लगभग १०, ०००) का शोध और अनुसंधान करके उन सभी में एक ही समान पाये जाने वाले लगभग ७५,००० श्लोकों को खोजकर उनका सटिप्पण एवं समीक्षात्मक संस्करण प्रकाशित किया, कई खण्डों वाले १३,००० पृष्ठों के इस ग्रंथ का सारे संसार के सुयोग्य विद्वानों ने स्वागत किया।