प्रगाथ वाक्य
उच्चारण: [ pergaaath ]
उदाहरण वाक्य
- प्रगाथ काण्व को प्रगाथ नामक मंत्र विशेष का दृष्टा माना गया है।
- प्रगाथ काण्व को प्रगाथ नामक मंत्र विशेष का दृष्टा माना गया है।
- ऋषि प्रगाथ की वाणी मधुर थी, वह जो कह रहे थे, उससे इन्कार नहीं किया जा सकता था।
- इन प्रगाथों को, सम्बन्धित देवता के अनुसार, ब्रह्मणस्पद प्रगाथ काण्व ने अपने सूक्तों में इन्द्र, अश्वनी व सोम की स्तुति की है।
- इसके उपरांत प्रगाथ काण्व ने स्वयं को अग्नि के समान उज्ज्वल बनाने तथा सभी प्रकार की समृद्धि प्रदान करने की सोम से प्रार्थना की है।
- ऋषि भारद्वाज से सहमति जताते हुए ऋषि प्रगाथ ने कहा-जो अनुसन्धान किसी आग्रह, मत अथवा पथ से बंधे हो, उन्हें न सत्यान्वेषी कहा जा सकता है और न ही वैज्ञानिक।
- परन्तु बृहस्पति पुत्र भारद्वाज, ऋषि प्रगाथ, मुनिश्रेष्ठ वाम्बरीश, महर्षि मेधातिथि कण्व एवं स्वयं को प्रकृति पुत्र कहने वाले वसुश्रुत अपनी हाल की ही शोध उपलब्धियों के कारण विशेष आकर्षण बने हुए थे।
- लौकिक-संस्कृत, पाली, अपभ्रंश तथा मध्ययुगीन भक्तिकालीन हिन्दी / काव्यधारा में जहां अनुष्टुप, इन्द्रवज्रा, शार्दुलविक्रीडित, द्रुतविलम्बित, शिखरणी, मालिनी, मन्दाक्रान्ता आदि छन्दों का पिरयोग देखने को मिलता है, वहीं दूसरी ओर वेदों, संहिताओं, षड्दर्शन तता उपनिषदों में उक्त छन्तों के अलावा गायत्री, जगती, वृहती, त्रिष्टुप, उष्णिक, भूरिक तथा प्रगाथ आदि छन्दों का प्रयोग प्रधानता से किया गया है।
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